रांची. भारत रंग महोत्सव 2025 का उद्घाटन रविवार को डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में हुआ. यह आयोजन एनएसडी और झारखंड कला संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है. मुख्य अतिथि कल्चर निदेशक आसिफ इकराम ने कहा कि नाटक मंचन के माध्यम से कलाकारों को एक मंच दिया जा रहा है. यह नाटक सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है. उदघाटन सत्र में एनएसडी के अब्दुल कादिर साह, अजय मलकानी, पुरनासिष घोष आदि मौजूद थे. इस अवसर पर दो नाटकों वीर बिरसा और पति गये रे काठियावाड़ का मंचन किया गया. महोत्सव सात फरवरी तक चलेगा. झारखंड, दिल्ली, असम, भोपाल, बंगाल, गुवाहाटी की टीम प्रतिदिन एक नाटक का मंचन करेगी.
जमशेदपुर की मंडली ने किया वीर बिरसा का मंचन
जमशेदपुर की नाटक मंडली ने वीर बिरसा नाटक का मंचन किया. जीत राय हंसदा द्वारा निर्देशित इस नाटक में जल, जंगल और जमीन की लड़ाई को दिखाया गया. इसमें वीर बिरसा के योगदानों को प्रदर्शित किया गया. वहीं दूसरे नाटक पति गये री काठियावाड़ नाटक का मंचन दिल्ली की टीम ने किया. इसमें महाराष्ट्र के पुणे के पास भम्बोडा नामक एक गांव की कहानी है. पुणे का सूबेदार कर की वार्षिक वसूली के लिए काठियावाड़ जाते रहता है. उसकी पत्नी जानकी एक सुंदर समर्पित महिला थी, जो पति से बेहद प्यार करती थी. जब उसे यह खबर मिली कि पति को काठियावाड़ जाना है, तो वह बहुत दुखी हो जाती है. इसलिए पति से खुद को व्यस्त रखने के लिए कुछ काम देने को कहती है. इसके बाद सरजय राव उससे कांच का एक महल बनाने के लिए कहता है और वह भी उसकी अनुपस्थिति में, बिना पैसे के. हालांकि उसने जो कुछ भी कहा था यह मजाक का हिस्सा था. लेकिन जानकी इसे गंभीरता से लेती है. वह पति की इच्छा पूरी करना चाहती है. इसमें जोरावर और उसके दीवान जी के किरदार इस नाटक में कुछ मजेदार पल पैदा करते हैं. इसके लेखक वेंकटेश माड़गुलकर हैं. रूपांतरण सुधीर कुलकर्णी, निर्देशक अजीत चौधरी हैं. कर्नल धीरेंद्र गुप्ता, दीपक राणा, सुसीता मुखर्जी, नूपुर शंकर, अजीत चौधरी, राजिंदर शर्मा, सौरभ पांडेय, सत्यम गुप्ता और अनिकेत राज ने बेहतरीन अभिनय किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है