Road In Bihar: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और चुनावी माहौल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेशभर में विकास कार्यों को तेज कर चुके हैं. अपनी ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान वे लगातार नई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब राज्य के गांव-गांव तक सड़कों जोड़ने की एक बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है. सरकार ने 25 हजार किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा है.
25 हजार किलोमीटर सड़कें बनेगी, DPR तैयार
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत लगभग 13 हजार ग्रामीण सड़कों का पुनर्निर्माण होगा, जो पहले से बनी हुई थीं लेकिन अब मरम्मत अवधि से बाहर हो चुकी हैं. इसके अलावा, नई सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचना आसान होगा. इस पूरी योजना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार कर लिया गया है, और लोक वित्त समिति (PFC) ने अब तक 20 जिलों की सड़कों को मंजूरी दे दी है. जल्द ही बाकी जिलों की स्वीकृति भी मिल जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा.
कैबिनेट के मंजूरी के बाद टेंडर जारी होगा
कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही सभी सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए जाएंगे. यह काम चरणबद्ध तरीके से होगा, और अगले एक साल के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
ग्रामीण सड़कों की निगरानी अब AI तकनीक से
बिहार सरकार इस बार सिर्फ सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि उनके दीर्घकालिक रखरखाव और निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग भी करने जा रही है. यह एक क्रांतिकारी पहल होगी, क्योंकि इससे सड़कों की हालत पर लगातार नजर रखी जा सकेगी और जैसे ही किसी सड़क पर खराबी आने लगेगी, तुरंत उसे ठीक कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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वैशाली जिले में AI तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट सफल साबित हुआ है, और अब इसे पूरे बिहार में लागू करने की योजना बनाई जा रही है. इससे न केवल ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि इनका मेंटेनेंस भी समय पर किया जा सकेगा.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल बिहार के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदल सकती है. यदि तय समय पर यह परियोजना पूरी होती है, तो यह राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है.