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Purnia news : कटिहार मोड़ रेडलाइट एरिया में 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों से करवायी जा रही थी जिस्मफरोशी

Purnia news : रेस्क्यू की गयी अधिकतर नाबालिग लड़कियां पूर्णिया से बाहर की हैं. पिछले छह महीने से इनसे जबरन धंधा करवाया जा रहा था.

Purnia news : बीते शुक्रवार की देर शाम कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में पुलिस की छापेमारी में 26 महिलाओं एवं छह पुरुषों समेत 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि 11 नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू किया गया.

लड़कियों की उम्र महज 12 से 15 वर्ष के बीच थी

जानकार बताते हैं कि यहां 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों से जबरन जिस्मफरोशी का धंधा करवाया जा रहा था. इन नाबालिग लड़कियों की उम्र महज 12 से 15 वर्ष के बीच थी. एसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, रेस्क्यू की गयी अधिकतर नाबालिग लड़कियां पूर्णिया से बाहर की हैं. जानकारों का कहना है कि पिछले छह महीने से इनसे जबरन धंधा करवाया जा रहा था. बताया जा रहा है कि अधिकतर लड़कियां पश्चिम बंगाल, असम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर व यूपी के गोरखपुर की थीं. यहां नाबालिग लड़कियों समेत लगभग 70 महिलाएं जिस्मफरोशी के धंधे में संलिप्त थीं. छापेमारी के बाद शनिवार से रेड लाइट एरिया वीरान नजर आ रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि देह व्यापार के दलालों का कनेक्शन जिले के रौटा रेड लाइट एरिया एवं पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा रेड लाइट एरिया से है.

छापेमारी को ले शिफ्ट कर दी जाती हैं पांजीपाड़ा

छापेमारी से बची सेक्स वर्करों को यहां के दलाल कुछ समय के लिए रौटा और पांजीपाड़ा शिफ्ट कर देते हैं. जब मामला ठंडा पड़ जाता है, तो इन्हें फिर यहां लाकर धंधे में लगा दिया जाता है. यह दस्तूर वर्षों से चल रहा है. देह व्यापार में गिरफ्तार हुए लोग जेल से जमानत पर छूटकर बाहर आते हैं और फिर इस धंधे में सक्रिय हो जाते हैं. जिस्मफरोशी के धंधे में कटिहार मोड़ का रेडलाइट एरिया गुलाबबाग जीरोमाइल, हरदा के अलावा जिले के अनगढ़ रौटा और बनमनखी के रेडलाइट एरिया को पीछे छोड़ दिया था. कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में आधा दर्जन महिला संचालिका हैं, जिनका स्थानीय मैनेजमेंट पुरुषों की अपेक्षा अधिक तगड़ा है. एक महिला संचालिका तो देह व्यापार के मामले में चार बार जेल की हवा खा चुकी है.

बांग्लादेशी नाबालिग को धंधेबाजों ने पहुंचाया था मुंगेर

31 मई, 2022 की देर शाम सदर थाने की पुलिस ने कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में छापेमारी की थी. इस दौरान तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय सिंह ने दो महिलाओं और तीन नाबालिगों से पूछताछ की थी. छापेमारी के बाद थानाध्यक्ष ने बताया था कि उन्हें रेडलाइट एरिया में बांग्लादेश से लायी गयी एक नाबालिग लड़की की सूचना मिली थी. दो घंटे तक चली छापेमारी में बांग्लादेशी लड़की बरामद नहीं हुई. जानकारों का कहना था कि पुलिस को दी गयी सूचना बिल्कुल सही थी. दरअसल, कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया की एक महिला संचालिका के गुर्गे द्वारा छापेमारी से एक माह पूर्व 16 वर्षीया एक बांग्लादेशी लड़की को पहुंचाया गया था. महिला के गुर्गे ने उक्त नाबालिग लड़की को पहले प्रेम जाल में फंसाया फिर शादी का झांसा देकर अवैध तरीके से बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते कटिहार मोड़ पहुंचा दिया.

कैसे होती है डीलिंग

धंधेबाजों के गुर्गे नाबालिग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर उन्हें घर से भगा कर पहले शादी कर लेते हैं. इसके बाद उन्हें रेडलाइट एरिया लाकर महिला संचालिका से मिलाते हैं और कहते हैं कि यह उसकी मौसी है. नाबालिग को गुर्गे यह कह कर समझाते हैं कि तब तक वह मौसी के पास ही रहे, जब तक वह अपने घरवालों को समझा-बुझा नहीं लेता. नाबालिग मौसी को अपना समझ कर उसके पास रहने लगती है. गुर्गे को महिला धंधेबाज द्वारा अच्छी रकम दी जाती है. मौसी बन कर महिला धंधेबाज नाबालिग को पहले रेडलाइट एरिया घुमाती है और धीरे-धीरे उसे डरा-धमका कर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देती है. विपरीत परिस्थितियों में धंधेबाज ऐसी लड़कियों को दूसरे इलाके के रेडलाइट एरिया में शिफ्ट कर देते हैं. इसके अलावा नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ महिलाएं घर से भागी भोली-भाली युवतियों को अपना शिकार बना लेती हैं. आलम यह है कि धंधेबाजों के गुर्गों के पहरे में यहां देह व्यापार का धंधा फल-फूल रहा है.

छापेमारी से पहले ही लीक हो जाती है सूचना

पुलिस की छापेमारी से पूर्व रेडलाइट एरिया के धंधेबाजों को इसकी सूचना मिल जाती है. पुलिस पहुंचने से पूर्व धंधेबाज अपने-अपने सेक्स वर्करों को साथ लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते हैं. यह सिलसिला वर्षों से पुलिस छापेमारी के दौरान कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में चल रहा है. जानकार बताते हैं कि जब भी वरीय पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में छापेमारी होती है, इसकी सूचना धंधेबाजों को पूर्व में ही मिल जाती है. जब तक पुलिस रेडलाइट एरिया में पहुंचती है, धंधेबाज सेक्स वर्करों को लग्जरी गाड़ियों में बिठा कर पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा और इस्लामपुर पहुंचा देते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में देर रात तक लोगों की चहलकदमी रहती थी. कई ग्राहकों को रेडलाइट एरिया से बाहर निकलने के दौरान लूट लिया जाता था. ऐसी स्थिति में ग्राहक थाने जाकर शिकायत करने से डरते हैं.

एसपी किम शर्मा के नेतृत्व में हुई थी बड़ी कार्रवाई

वर्ष 2013 में पूर्णिया की तत्कालीन एसपी किम शर्मा के नेतृत्व में कटिहार मोड़ समेत गुलाबबाग के जीरोमाइल स्थित रेडलाइट एरिया में छापेमारी की गयी थी. इस छापेमारी में आधा दर्जन युवतियों समेत दलालों को हिरासत में लिया गया था. इस छापेमारी के एक वर्ष बाद 02 अप्रैल, 2014 को तत्कालीन कमजोर वर्ग की एसपी किम शर्मा के ही नेतृत्व में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी अजीत सत्यार्थी ने शहर के चार रेडलाइट एरिया में एक साथ छापेमारी की बड़ी कार्रवाई की थी. इनमें हरदा बाजार, कटिहार मोड़, गुलाबबाग जीरोमाइल और मुजरापट्टी शामिल था. छापेमारी में पांच दर्जन महिलाओं और पुरुषों को पकड़ा गया था. तब देह व्यापार संचालिकाओं पर सख्त कार्रवाई हुई थी.

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