Good News: रांची-झारखंड के साहिबगंज जिले की उधवा झील का चयन रामसर सूची में शामिल करने के लिए किया गया है. यूनेस्को ने उधवा झील को रामसर सूची में शामिल कर उधवा झील की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की है. भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित कुल 89 स्थलों (झीलों, तालाब व नदियों) को रामसर सूची में शामिल किया गया है. इस वर्ष झारखंड की उधवा झील के अलावा तमिलनाडु के तीरतंगल और सक्काराकोट्टई व सिक्किम में खेचियोपालरी को भी रामसर सूची में शामिल किया गया है. सिक्किम और झारखंड दोनों ही राज्यों के वेटलैंड (आद्रभूमि) को पहली बार रामसर सूची में शामिल किया गया है.
क्या है रामसर सूची?
वेटलैंड (आद्रभूमि) संरक्षित करने के लिए रामसर सूची दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है. दुनियाभर के देशों में लगभग 2400 रामसर साइटें हैं. झीलों, तालाबों, नदियों की खराब होती स्थिति को देखते हुए 2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर में वेटलैंड कंवेंशन किया गया था. इसी वजह से सूची का नाम रामसर सूची रखा गया है.
यूनेस्को ने 1975 में लागू किया कन्वेंशन
यूनेस्को ने 1975 में कन्वेंशन लागू किया, जबकि भारत ने एक फरवरी 1982 में इस संधि पर हस्ताक्षर किये थे. रामसर सूची में शामिल वेटलैंड को संरक्षित करते हुए उसे अंतररष्ट्रीय महत्व का वेटलैंड घोषित किया जाता है.
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