मीरगंज. मीरगंज शहर में रिटायर्ड फौजी सतेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या और टाइल्स व्यवसायी नयन प्रसाद पर हमले के मामले की हाइलेवल जांच शुरू हो गयी है. सोमवार को सारण रेंज के डीआइजी नीलेश कुमार वर्मा ने जांच की. घटनास्थल पर जांच के बाद डीआइजी ने पुलिस अधिकारियों को कई बिंदु पर काम करने के निर्देश दिये.
चश्मदीदों से घटना के बारे में ली जानकारी
डीआइजी के साथ एसपी अवधेश दीक्षित, एसडीपीओ हथुआ आनंद मोहन गुप्ता और मीरगंज थाने की पुलिस टीम मौजूद रही. डीआइजी ने सीसीटीवी भी देखा और चश्मदीदों से घटना के बारे में जानकारी ली. मृतक सतेंद्र सिंह के परिजनों से भी पुलिस ने पूछताछ की और कई सारे बिंदु पर जानकारी ली. उधर, वारदात के दूसरे दिन सीवान व गोपालगंज पुलिस टीम की बनी संयुक्त एसआइटी ने सीवान, मीरगंज और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के देवरिया समेत अपराधियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की.
नामजद और अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने पांच संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया गया है, जिनसे हत्या के बारे में पूछताछ चल रही है. वहीं, दूसरी तरफ मीरगंज थाने की पुलिस ने इस मामले में नामजद और अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में किन-किन लोगों अभियुक्त बनाया गया है, हत्या की वजह क्या है, इसका खुलासा नहीं हो सका है.
पुलिस को मिले कई इनपुट
वहीं, अब तक की जांच में जमीन का विवाद सामने आया है. टाइल्स व्यवसायी नयन प्रसाद का सीवान के बड़हरिया में जमीन को लेकर विवाद था. सूत्र बताते हैं कि नयन प्रसाद ने विवादित जमीन खरीदी और उसी को लेकर एक साल से विवाद चल रहा था. वारदात के पीछे जमीन के अलावा अन्य बिंदु पर पुलिस जांच कर रही है. एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि एसआइटी लगातार छापेमारी कर रही है. यूपी-बिहार में अपराधियों के ठिकानों पर चल रही छापेमारी में पुलिस को कई सारे इनपुट मिले हैं, जिसके आधार पर जांच चल रही है और जल्द ही इस हत्याकांड का खुलासा भी कर दिया जायेगा.
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