मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के मुआवजा देने के मामले में डीएम और कमिश्नर की आर्थिक शक्तियों को बढ़ा दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयत को मुआवजा देने के लिए डीएम के निर्णय लेने के पावर में बढोतरी कर दी है. एक जनवरी से प्रभावी व्यवस्था के तहत डीएम 28.52 करोड़ रुपये तक का एस्टीमेट निर्धारित कर सकेंगे. 28.52 करोड़ से अधिक और 70.76 करोड़ तक के मामलों में प्रमंडलीय आयुक्त निर्णय लेंगे. बता दें कि हर नयी साल की पहली तारीख को, इसमें 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.केंद्र -राज्य सरकार की दर्जनों परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अधिग्रहित भूमि का प्राक्कलन और प्रतिकर राशि के निर्धारण आदि को लेकर जिला स्तर पर डीएम और प्रमंडल स्तर पर कमिश्नर का प्राधिकार है. जमीन का अधिग्रहण जिस परियोजना के लिए किया जा रहा है उस विभाग से पैसा लेकर रैयत को मुआवजा दिया जाता है. जमीन का कितना मुआवजा देना होगा, इसका प्राक्कलन प्राधिकार करता है. वही मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत चयनित होने वाली योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी को भी दिया है. अब जिलाधिकारी एक करोड़ रुपये तक, जबकि प्रमंडलीय आयुक्त एक करोड़ रुपये से ऊपर एवं ढाई करोड़ रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दे सकेंगे.
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