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गंगा दीर्घा तैयार, पाटलि दीर्घा इसी माह होगी पूरी

पटना संग्रहालय अब नयी तकनीक की मदद से बिहार के गौरवशाली इतिहास को लोगों तक लेकर आने वाला है. मुख्य संग्रहालय के पिछले भाग व नये भवन के मध्य भाग में गंगा व पाटलि दीर्घा बनी है.

संवाददाता, पटना

पटना संग्रहालय अब नयी तकनीक की मदद से बिहार के गौरवशाली इतिहास को लोगों तक लेकर आने वाला है. मुख्य संग्रहालय के पिछले भाग व नये भवन के मध्य भाग में गंगा व पाटलि दीर्घा बनी है. दोनों दीर्घाओं में गंगा से जुड़ी जानकारी के अलावा शाहाबाद (आरा, बक्सर, कैमूर, रोहतास), सारण, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिया, चंपारण और भागलपुर से जुड़े बिहार की संस्कृति, कला और इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी. महानिदेशक अंजनी कुमारी सिंह ने बताया कि गंगा दीर्घा का काम पूरा हो गया है. वहीं इसी महीने पाटलि दीर्घा पूरा हो जायेगा. अगले महीने उद्घाटन की उम्मीद है. गंगा दीर्घा में राम रेखा घाट से लेकर चौसा तक के अवशेषों को दर्शाया गया बिहार में गंगा नदी का बेहद खास स्थान है, इस कारण गंगा नदी से जुड़ी भौगोलिक स्थिति और नदी के किनारे विकसित प्राकृतिक, मानव जीवन से संबंधित सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक आदि की स्थिति को रेखांकित करने वाले तत्वों को दर्शाया गया है. एक ओर विशालकाय वृक्ष के जीवाश्म व अन्य प्रकार के जीवाश्मों को प्रदर्शित किया गया है. गंगा नदी को प्रतिकात्मक रूप में सतह पर उत्कीर्ण किया जा रहा है, जिसे लोग महसूस कर सकेंगे. इसे द्रोणा और सिक्का की ओर से डिजाइन किया गया है, जिसे मूर्त रुप गोदरेज कंपनी ने दिया है. बिहार में गंगा किनारे बक्सर जिले में स्थित रामरेखा घाट और उस जगह की सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व से संबंधित प्रदर्श दर्शाया जायेगा. सारण जिले में मौजूद पुरास्थल चिरांद को दर्शाया गया है, जिसमें वहां से प्राप्त पुरावशेष शामिल हैं. पाटलि दीर्घा में कई मॉडल्स होंगे प्रदर्शित : इस दीर्घा में चंद्रगुप्त मौर्य का होलोग्राम है, जो एआइ तकनीक से लोगों की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब देगा. इसके सेटअप का कार्य शुरु हो चुका है. मगध की पहली राजधानी गिरिब्रज राजगीर में मिले अवशेषों को भी दर्शाया जायेगा. थर्ड सेंचुरी बीसी का लकड़ी का परकोटा (घर) को भी दर्शाया जायेगा. स्कल्पचर गार्डन बन कर है तैयार वहीं, नये संग्रहालय के पीछे वाले हिस्से और पुराने संग्रहालय के आगे वाले हिस्से में कुछ खाली जगहों पर स्कल्पचर गार्डन बनाया गया है. इसमें खुदाई के दौरान मिली कई मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है. संग्रहालय में रिजर्व कलेक्शन में ऐसी कई मूर्तियां थीं, जिनसे बिहार के गौरवशाली इतिहास और धर्म को देखा जा सकेगा. स्कल्पचर गार्डन को दो भागों में बांटा गया है. पहला हिंदुइज्म और दूसरा भाग बुद्धिज्म है. इन दोनों जगहों पर 104 मूर्तियां हैं. हिंदुइज्म भाग में पांच हिस्सों में मूर्तियां लगायी गयी हैं, जिनमें शक्ति यानी देवियों की मूर्तियां, इसके बाद शिवलिंग जो एक यंत्र के स्वरूप में है.

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