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GST स्लैब्स में होगा बड़ा बदलाव, निर्मला सीतारमण ने कहा- जीएसटी परिषद जल्द लेगी फैसला

GST: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान से स्पष्ट है कि जीएसटी दरों और स्लैब्स में बदलाव जल्द ही देखने को मिलेगा. सरकार का लक्ष्य टैक्स प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाना है, जिससे व्यापार जगत और आम जनता दोनों को लाभ मिले. अब सबकी नजरें जीएसटी परिषद के अगले फैसले पर टिकी हैं.

GST: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों और स्लैब्स की समीक्षा का काम लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि जल्द ही जीएसटी परिषद इस पर अंतिम निर्णय ले सकती है.

वर्तमान जीएसटी स्लैब स्ट्रक्चर

वर्तमान में चार प्रमुख जीएसटी स्लैब मौजूद हैं. आवश्यक वस्तुएं और पैकिंग वाले खाद्य पदार्थ 5% वाले टैक्स स्लैब में आते हैं. मध्यम वर्गीय उपभोक्ता वस्तुएं 12%, सामान्य उपभोक्ता वस्तुएं 18% और विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुएं 28% टैक्स स्लैब में आती हैं.

जीएसटी दरों को सरल बनाने की प्रक्रिया जारी

वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि जीएसटी दरों को रिवीजन का कार्य तीन साल पहले शुरू हुआ था. अब इसका दायरा बढ़ाया गया है और यह काम लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद में शामिल मंत्रियों को इस पर गहराई से विचार करने को कहा गया है, क्योंकि यह आम लोगों की जरूरतों से जुड़ा मुद्दा है.

जीएसटी स्लैब्स में कमी और कर दरों में कटौती संभव

निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि सरकार जीएसटी स्लैब्स की संख्या कम करने के साथ-साथ कर दरों में कमी भी लाने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, “हम अवसर नहीं गंवाना चाहते. दरों को सरल और तर्कसंगत बनाना हमारी प्राथमिकता है. इसलिए मुझे उम्मीद है कि जीएसटी परिषद जल्द ही इस पर फैसला करेगी.”

देश की आर्थिक स्थिति और कर राहत

वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और कोई संरचनात्मक सुस्ती नहीं है. बजट में कर राहत की घोषणा प्रधानमंत्री की करदाताओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरानी कर व्यवस्था को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

पूंजीगत व्यय में वृद्धि

पूंजीगत व्यय से जुड़े सवाल पर सीतारमण ने बताया कि इसमें कोई कटौती नहीं की गई है, बल्कि यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह जीडीपी का 4.3% है.

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जीएसटी स्लैब्स में बदलाव का प्रभाव

  • आम जनता को राहत: आवश्यक वस्तुओं पर कर दरें कम हो सकती हैं.
  • उद्योगों को लाभ: उत्पादन लागत में कमी आएगी.
  • सरकार का राजस्व संतुलन: तर्कसंगत कर नीति से टैक्स अनुपालन बढ़ेगा.

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