गया. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को अदालत ने एक अभियुक्त मंजूर आलम को दोषी करार दिया. साथ ही पांच अन्य सह अभियुक्तों को दो-दो साल की सजा सुनायी है. दो-दो हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पॉस्को के विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि इस मामले में पीडिता ने स्वयं प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. अपनी प्राथमिकी में उसने कहा था कि जनवरी 2020 को अभियुक्त छत फांद कर घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. उसके बाद शादी का झांसा देकर लगातार इस घटना को अंजाम देता रहा. इससे पीड़िता गर्भवती हो गयी और एक बच्चा भी जन्म लिया. अदालत ने इस मामले में अभियुक्त का डीएनए टेस्ट भी कराया. इससे इस बात की पुष्टि भी हुई कि उस बच्चे का पिता अभियुक्त ही है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल सात गवाहों की तथा बचाव पक्ष की ओर से पांच गवाहों की गवाही हुई. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सह अभियुक्त अनवर अंसारी, अकबर अंसारी, परवेज अंसारी, तालिब अंसारी तथा काजमा खातून को दो वर्ष की सजा तथा दो-दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. सूचक की ओर से इस मामले में अधिवक्ता एचआर काजमी तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मिराजुद्दीन व निशांत ने अपना पक्ष रखा. अदालत ने इस मामले में मुख्य अभियुक्त मंजूर आलम की सजा के बिंदु पर सुनवाई की तिथि सात फरवरी निर्धारित की है. यह मामला कोंच थाना कांड संख्या 234/ 2020 से संबंधित है.
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