Seema Puri Assembly Election Result 2025:दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान तेज हो गया है. राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. वहीं, कांग्रेस, जो 15 वर्षों तक सत्ता में रही, पिछले दो चुनावों में कोई सीट नहीं जीत सकी. आगामी 2025 चुनावों में कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिश करेगी.
पूर्वी दिल्ली स्थित सीमापुरी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है और वर्तमान में यहां आम आदमी पार्टी का कब्जा है. यह विधानसभा क्षेत्र उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का हिस्सा है. सीमापुरी, जिसे न्यू सीमापुरी भी कहा जाता है, 1970 के दशक में एक झुग्गी बस्ती के रूप में बसा था, जहां शुरू में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से आए शरणार्थी रहते थे. समय के साथ यहां उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आए लोग भी बसने लगे.
सीमापुरी से लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची
उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
मनोज | बहुजन समाज पार्टी | 231 |
राजेश लिलोठिया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 376 |
कु. रिंकू | भारतीय जनता पार्टी | 5019 |
वीर सिंह धिंगान | आम आदमी पार्टी | 5572 |
अजय कुमार | पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) | 12 |
अनिल कुमार | आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) | 46 |
चरण सिंह मालियान | राइट टू रिकॉल पार्टी | 18 |
राजेश | भारतीय सर्वोदय क्रांति पार्टी | 3 |
राजेश कुमार लोहिया | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | 11 |
सरोज बाला | स्वतंत्र जनता पार्टी | 18 |
आशीष कुमार | स्वतंत्र | 13 |
2020 के चुनाव में सीमापुरी सीट पर कैसा रहा मुकाबला?
साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीमापुरी सीट पर 10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ. हालांकि, मुख्य टक्कर आम आदमी पार्टी के राजेंद्र पाल गौतम और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संत लाल के बीच थी. लोक जनशक्ति पार्टी बीजेपी की सहयोगी पार्टी है और गठबंधन के तहत उसे यह सीट दी गई थी.
इस चुनाव में राजेंद्र पाल गौतम ने संत लाल को एकतरफा मुकाबले में 56,108 मतों के अंतर से हराया. राजेंद्र पाल गौतम को 88,392 वोट मिले, जबकि संत लाल को मात्र 32,284 वोटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस के प्रत्याशी और तीन बार के विधायक रहे वीर सिंह ढिंगन को सिर्फ 7,661 वोट मिले. कुल मिलाकर 1,96,306 मतदाताओं में से 1,34,437 (लगभग 68%) लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
सीमापुरी विधानसभा सीट का इतिहास
सीमापुरी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी पुराना है. यह सीट 1993 में अस्तित्व में आई और तभी से यहां चुनाव हो रहे हैं. पहले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बलबीर सिंह ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1998 में कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा कर लिया और वीर सिंह ढिंगन को विजयी बनाया.
वीर सिंह ढिंगन ने 2003 में भी जीत दर्ज की और 2008 में लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाई. हालांकि, 2013 के चुनाव में कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हो गया और आम आदमी पार्टी के धर्मेंद्र सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली. इस चुनाव में बीजेपी तीसरे स्थान पर रही.
साल 2015 में आम आदमी पार्टी ने सीमापुरी सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और राजेंद्र पाल गौतम को टिकट दिया. उन्होंने बीजेपी के कर्मवीर को 48,821 मतों के बड़े अंतर से हराया. 2020 में भी गौतम ने अपनी जीत का अंतर बढ़ाते हुए 56,108 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस के वीर सिंह ढिंगन को लगातार तीन चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.
2025 में संभावित परिदृश्य
आगामी 2025 के चुनाव में सीमापुरी सीट पर फिर से कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. आम आदमी पार्टी इस सीट पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहेगी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस इसे अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगी. देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपना खाता खोल पाती है या नहीं, और बीजेपी इस सीट पर कोई प्रभाव डाल पाती है या फिर आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम रहेगा.