Bihar News: सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की ऑनलाइन परीक्षा में हुए फर्जीवाड़ा मामला में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने रविभूषण गिरोह के सदस्य और मुख्य प्राथमिकी अभियुक्त आदित्य कुमार उर्फ अंशु को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में यह 38वीं गिरफ्तारी है. आदित्य की गिरफ्तारी नालंदा जिले के नगरनौसा थाना स्थित महानंदपुर गांव से हुई. आवश्यक पूछताछ के बाद अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आदित्य ने अपने सहयोगियों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की ऑनलाइन सीबीटी परीक्षा आयोजित करा रही अधिकृत कंपनी वी शाइन टेक के साथ ही विभिन्न परीक्षा केंद्रों के मालिक व उनके संचालकों को मोटी रकम देकर मैनेज किया था.
सेंटर को मैनेज करता था आदित्य
आदित्य ने ही प्रॉक्सी सर्वर बना कर कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट परीक्षा केंद्र के परीक्षा नियंत्रक व आइटी स्टाफ को इनके प्रयोग की ट्रेनिंग दी. यह ट्रेनिंग अयोध्या इंफोसोल सीबीटी परीक्षा केंद्र पर दी गयी. आदित्य और उसके सहयोगियों द्वारा अपने ही गिरोह के अन्य सदस्यों को संबंधित केंद्रों पर एजेंसी का पहचान पत्र देकर परीक्षा नियंत्रक व आइटी स्टॉफ के रूप में नामित कर संबंधित परीक्षा केंद्रों में भेजा गया. इन प्रशिक्षित व्यक्तियों ने मॉक टेस्ट के क्रम में परीक्षा से पहले ही संबंधित परीक्षा केंद्रों के नेटवर्क में प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एसेक्स सॉफ्टवेयर को डाला. रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन से धांधली की गयी.
रविभूषण गिरोह की कंपनी को भी ऑनलाइन परीक्षा का मिला था टेंडर
सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की ऑनलाइन परीक्षा में हुए फर्जीवाड़ा मामला में गिरफ्तार मुख्य प्राथमिकी अभियुक्त आदित्य कुमार उर्फ अंशु से पूछताछ में इस तथ्य की भी पुष्टि हुई कि संगठित गिरोह के सरगना रवि भूषण के द्वारा मेसर्स ब्रेंकाइज टेक्नोलॉजी प्रा लि. नाम के ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाले कंपनी का संचालन किया जा रहा था जो कि आरओसी मुंबई से पंजीकृत है. इस कंपनी के द्वारा दिसंबर 2024 में एम्स मंगलागिरी आंध्र प्रदेश में भर्ती हेतु ऑनलाइन परीक्षा का टेंडर प्राप्त किया था, परंतु बिहार में सीएचओ परीक्षा फर्जीवाड़ा मामला में रवि भूषण एवं अन्य अभियुक्तों का नाम आने के बाद इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. गिरोह द्वारा इस कार्य को करने हेतु किये गये रुपयों के लेन-देन से संबंधित साक्ष्य भी प्राप्त हुए है, जिनका अलग से विश्लेषण किया जा रहा है. इओयू के मुताबिक इस संगठित गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे हैं.
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