Bihar Weather: यूएनडीपी सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के कई इलाकों में कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) की मात्रा 900 पीपीएम (पार्ट्स ऑफ गैस पर मिलियन) के पार चली गयी है. यह गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती है. यह वैश्विक औसत से बहुत अधिक है. वायुमंडल में कार्बन डाइ ऑक्साइड की उच्च सांद्रता वातावरण को गर्म करती है. रिपोर्ट बताती है कि जून 2024 में शहर के समनपुरा इलाके में कार्बन डाइ ऑक्साइड की सांद्रता 440.9 पीपीएम थी, जो 29 जनवरी, 2025 को बढ़ कर 940.8 पीपीएम हो गयी है.
जहरीली हुई पटना की हवा
गांधी मैदान के पास इसकी सांद्रता 515.4 पीपीएम रही. मैनपुरा में यह 493.7 पीपीएम थी. किदवईपुरी में 490.6, तारामंडल में 480.7, अशोक नेताजी पथ-बालापुर में 446.4, रुकनपुरा में 445.3 और श्री कृष्णपुरम-दानापुर में 437.2 पीपीएम से अधिक सांद्रता दर्ज की गयी है. यूएनडीपी की रिपोर्ट पर प्रदूषण विशेषज्ञों ने बताया कि कार्बन डाइ ऑक्साइड की उच्च सांद्रता चिंता का विषय है. हालांकि बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये हैं. ज्ञात हो कि यूएनडीपी ने सात जून, 2024 से 29 जनवरी, 2025 तक पटना में वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस का सर्वेक्षण किया था.
बिहार में एक बार फिर से चलेगी सर्द पछुआ
बिहार का मौसम अगले 48 घंटे के बाद फिर एक बार करवट ले सकता है. सोमवार से सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के असर से छह फरवरी की शाम या सात फरवरी से बिहार के तापमान में तीन से चार डिग्री तक की गिरावट दर्ज हो सकती है. इस दौरान प्रदेश में तेज गति से पछुआ हवा चलने का पूर्वानुमान है. इससे राज्य के वातावरण में कुछ अधिक ठंडक महसूस किये जाने के संभावना है. आइएमडी पटना ने एक अन्य पूर्वानुमान में बताया है कि आठ फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है. इसके प्रभाव से उस समय भी मौसम में कुछ फिर बदलाव हो सकता है.