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पीयू : बेहतर इंटरनेट के लिए पांच साल पहले बनी योजना, विद्यार्थी अब तक कर रहे इंतजार

पटना विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों और हॉस्टलों में बेहतर इंटरनेट कनेक्शन और वाइ-फाइ की सुविधा देने के लिए पांच वर्ष पहले ही योजना बनायी गयी थी.

अंबर, पटना

पटना विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों और हॉस्टलों में बेहतर इंटरनेट कनेक्शन और वाइ-फाइ की सुविधा देने के लिए पांच वर्ष पहले ही योजना बनायी गयी थी. लेकिन विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए बेहतर इंटरनेट कनेक्शन और फ्री वाइ-फाइ का सपना अधर में ही लटका हुआ है. पटना विश्वविद्यालय को प्राइवेट नेटवर्क से जोड़ने के लिए अर्नेट के अंतर्गत केंद्रीय मंत्रालय की ओर से वर्ष 2020 में स्वीकृति दे दी गयी थी. विश्वविद्यालय को प्राइवेट नेटवर्क की व्यवस्था करने के लिए आठ करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत कर दी गयी है. ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. अब तक विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों मॉडेम भी नहीं लगाया गया है. फाइबर नेटवर्क के लिए बेस पाइप का कार्य पूरा कर लिया गया है. लेकिन फाइबर वायर कनेक्शन नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों को सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. विद्यार्थियों ने बताया कि विश्वविद्यालय का प्राइवेट फाइबर नेटवर्क नहीं होने की वजह से लाइब्रेरी में भी इ-कंटेंट को पढ़ने में परेशानी होती है. इसके साथ ही ऑनलाइन फॉर्म भरने और ऑनलाइन पेमेंट में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विद्यार्थियों ने कहा कि अभी तक विश्वविद्यालय के किसी भी हॉस्टल को फाइबर नेटवर्क से कनेक्ट करने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ के सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पिछले कई वर्षों से इसका प्रचार किया जा रहा है लेकिन विद्यार्थियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिला है.

प्राइवेट नेटवर्क से जुड़ने के बाद मिलेगी यह सुविधा

ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ने के बाद केवल विद्यार्थी ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय के ऑफिशियल वर्क को करने में आसानी होगी. बेहतर इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालय कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. छात्र संघ के सदस्यों ने कहा कि कॉलेज व हॉस्टल में रहने वाले ज्यादातर छात्र मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. इनके लिए अपना वाइ-फाइ कनेक्शन लेना या फिर इंटरनेट डेटा प्लान लेना मुमकिन नहीं है. ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से विवि की एक ही जगह से मॉनीटरिंग करना आसान होगा. साथ ही विद्यार्थियों को भी स्टडी मेटेरियल, इ-लाइब्रेरी, रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन पेमेंट करने में सुविधा होगी.

कोट

विश्वविद्यालय को फाइबर नेटवर्क से जोड़ने का कार्य काफी धीमी गति से किया जा रहा है. इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. बेहतर इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने से इ-लाइब्रेरी की भी सुविधा नहीं मिल पाती है.

आनंद मोहन, अध्यक्ष, छात्र संघ

विश्वविद्यालय का प्राइवेट नेटवर्क नहीं होने की वजह से सबसे अधिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने और ऑनलाइन पेमेंट करने में परेशानी होती है. कई बार विद्यार्थियों का ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है और पैसे वापस करवाने में विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है.

विक्रम आदित्य, उपाध्यक्ष

विश्वविद्यालय के साथ ही हॉस्टलों को भी फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की योजना है. लेकिन अब तक एक भी हॉस्टल में इससे जुड़ा कार्य शुरू नहीं किया गया है. इसकी वजह से विद्यार्थियों को स्टडी मेटेरियल, पुस्तकें और जर्नल प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं.

रामधनी, कॉलेज काउंसेलर, पटना सायंस कॉलेज

फाइबर नेटवर्क कनेक्शन कार्य मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा. फिलहाल विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कुछ कॉलेजों में फाइबर केबल कनेक्शन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. विश्वविद्यालय में कनेक्शन कार्य पूरा होने के बाद विभिन्न हॉस्टलों को भी इससे जोड़ा जायेगा.

प्रो अजय कुमार सिंह, कुलपति, पटना विश्वविद्यालय

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