हाजीपुर. सदर अस्पताल में बिचौलिये फिर सक्रिय हो गये हैं. यहां इलाज के लिए दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बरगला कर बिचौलिये जांच, एक्सरे आदि के नाम पर उनका आर्थिक दोहन करा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले सीधे-सादे मरीज उनके झांसे में आकर नाजायज कीमत चुका रहे हैं. गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के सरायपुर गांव निवासी अनरजीत दास ने जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को आवेदन देकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की. अनरजीत दास ने आवेदन में कहा है कि पिछले दिनों मैं अपनी पुत्री का इलाज कराने सदर अस्पताल में आया था. ओपीडी में डॉक्टर ने खून की विभिन्न जांच लिखी. डॉक्टर कक्ष के बाहर खड़े एक कर्मी ने अस्पताल का पैथोलॉजी सेंटर शाम पांच बजे बंद हो जाने बात कही और अविलंब जांच कराने को कहा. फिर एक निजी जांच सेंटर को मुझसे नौ सौ रुपये का भुगतान कराया गया, जबकि सदर अस्पताल में ये सभी जांच की सुविधा उपलब्ध है.
लोगों का कहना है कि सदर अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं तो बढ़ीं, लेकिन दलाल-बिचौलियों से यह अस्पताल मुक्त नहीं हो पा रहा है. अस्पताल में बिचौलियों की सक्रियता के कारण मरीजों को यहां उपलब्ध सुविधाओं का लाभ सही से नहीं मिल पा रहा. बिचौलिये अस्पताल परिसर से लेकर ओपीडी के अंदर तक हर जगह मंडराते रहते हैं. वे भोले-भाले मरीजों, खासकर जो ग्रामीण इलाकों से आते हैं, को उल्टा-सीधा समझा कर उन्हें प्राइवेट जांच सेंटरों में ले जाते हैं. वहां मरीजों को नाजायज कीमत चुकानी पड़ती है, जिसका एक हिस्सा कमीशन के रूप में बिचौलियों की जेब में जाता है. अस्पताल में दलाल-बिचौलियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. सतत निगरानी नहीं होने और सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही के कारण ओपीडी में सक्रिय बिचौलिये मरीजों को बरगला कर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल जांच आदि के लिए उन्हें निजी सेंटरों में पहुंचा देते हैं.अस्पताल में बिचौलिये व एमआर के प्रवेश पर है रोक
सदर अस्पताल में दलाल-बिचौलियों और दवा कंपनियों के एजेंट या प्रतिनिधि के प्रवेश पर सख्त पाबंदी है. बिचौलियों की सक्रियता को लेकर अस्पताल प्रशासन ने नौ महीने पहले सख्त रुख अपनाते हुए इस पर अंकुश के लिए आदेश जारी किया. साथ ही लगातार निरीक्षण का निर्णय लिया. अस्पताल के ओपीडी में दलाल-बिचौलियों की गतिविधियों को लेकर यहां की सुरक्षा एजेंसी के अलावा चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी जवाबदेह बनाया गया. इनके विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कही गयी. सदर अस्पताल के अधीक्षक की ओर से जारी आदेश में अस्पताल के सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे ओपीडी कक्ष में किसी भी बाहरी आदमी या मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) को बैठाकर नहीं रखेंगे. निरीक्षण के क्रम में ओपीडी कक्ष के अंदर स्वास्थ्य कर्मी के अतिरिक्त कोई भी बाहरी व्यक्ति या एमआर को वहां बैठे पाये जाने पर संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी तथा ड्यूटी पर लगे स्वास्थ्यकर्मी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उक्त तिथि के वेतन आदि का भुगतान रोक दिया जायेगा. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि आदेश तो जारी हुआ, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है. इसका नतीजा है कि अस्पताल में बिचौलियों की गतिविधियां बंद नहीं हो रही हैं.सुरक्षा एजेंसी पर की जायेगी कार्रवाई
ओपीडी के सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है. साथ ही सदर अस्पताल के सुरक्षा गार्डों और सुपरवाइजर को भी निर्देश दिया गया है कि वे ओपीडी में किसी भी बाहरी व्यक्ति या एमआर को प्रवेश नहीं करने दें. ऐसे लोगों को सख्ती से रोकने की हिदायत सुरक्षा एजेंसी को दी गयी है. ओपीडी के निरीक्षण के दौरान वहां किसी भी बाहरी व्यक्ति या एमआर के पाये जाने पर सुरक्षा एजेंसी को आर्थिक रूप से दंडित किया जायेगा.डॉ हरि प्रसाद,
अधीक्षक, सदर अस्पतालडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है