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Giridih News: तिसरी में दम तोड़ रही है हर घर नल से जल योजना

Giridih News: केंद्र सरकार की योजना नल से हर घर को पानी देने की योजना तिसरी प्रखंड में दम तोड़ रही है. इस योजना के संवेदक की लापरवाही व विभाग की उदासीनता के कारण तिसरी प्रखंड मुख्यालय और बीडीओ आवास से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित हटियाटांड़ में यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.

उक्त स्थल पर तीन माह पूर्व नलजल योजना के तहत जलापूर्ति के लिए केवल एक बोरिंग कर दी गयी और पानी टंकी के लिए प्लेटफॉर्म बना दिया गया, लेकिन अभी तक न तो टंकी लगायी गयी है और न ही घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है. इससे ग्रामीणों में रोष है. लोग पेयजल की समस्या से परेशान हैं.

इस योजना के तहत आधे दर्जन से ज्यादा संवेदक प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कार्य कर रहे थे. संवेदकों द्वारा यह दावा भी किया गया था कि तिसरी प्रखंड में सभी जगहों पर नल से पानी दिया जा रहा है. उसकी पोल खोलने के लिए तिसरी प्रखंड मुख्यालय स्थित हटियाटांड़ ही काफी है. वैसे प्रखंड के कई ऐसे पंचायतों के गांव हैं, जहां के लोगों के घरों में उक्त योजना के तहत पानी नहीं पहुंच रहा है.

कई जगहों पर संवेदकों द्वारा घोर अनियमितता बरतने की शिकायत भी ग्रामीणों द्वारा कई बार विभाग से की जा चुकी है, लेकिन ऐसी शिकायतों का विभाग पर कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा है. हटियाटांड़ में वर्षों से पानी की समस्या बरकरार है. यहां पचास से अधिक घर हैं, जहां के लोग स्नान वगैरह के लिए बगल के तालाब जाते हैं. ग्रामीणों को दूर दराज से पीने का पानी ढोकर लाना पड़ता है.

विभाग द्वारा तिसरी रीजनल अस्पताल की पानी टंकी से पानी की सप्लाई की व्यवस्था की गयी है, लेकिन पिछले दो माह से उक्त टंकी में लगाया गया मोटर खराब हो जाने से दो माह से जलापूर्ति बंद है. इससे भी तिसरी के आधे हिस्से में पानी का घोर संकट बना हुआ है. हटियाटांड़ के लोगों ने नया मोटर लगाने के लिए प्रत्येक घर से आर्थिक सहयोग पंचायत के मुखिया को किया, लेकिन वह भी अभी तक बन नहीं पाया है.

क्या कहते हैं लोग

तिसरी प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में सरकार पानी पहुंचाने की बात करती है. तिसरी प्रखंड मुख्यालय स्थित हटियाटांड़ में सालों से लोग परेशान हैं. नल जल योजना के संवेदक ने तीन माह पहले यहां एक बोरिंग कर प्लेटफॉर्म बनाकर छोड़ दिया है. इसे कोई देखनेवाला नहीं है. – राहुल कुमार, ग्रामीण

स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करें लेकिन वे समाधान क्या करेंगे. संबंधित विभाग और संवेदक तक को कुछ बोल नहीं पाते हैं. यही कारण है कि आज हम सभी ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. – सुरेंद्र राय, ग्रामीण

हमलोग वर्षों से पानी की समस्या से परेशान हैं. यहां एक चापाकल तक नहीं लगाया गया है, मोटर बनाने के लिए हमलोगों ने पैसा भी जमा किया है लेकिन अभी तक पानी नहीं मिल रहा है. संवेदक ने केवल बोरिंग करके छोड़ दिया गया है. हमलोगों के लिए सरकार जल्दी से पानी की व्यवस्था करवाये. – उषा देवी, ग्रामीणयदि हमलोगों की इस समस्या का समाधान नहीं होगा तो हम सभी आंदोलन करने को बाध्य होंगे. यहां नल जल योजना बेकार साबित हो रही है. संवेदक की लापरवाही के कारण हमलोगों को पानी नहीं मिल रहा है और विभाग उदासीन बना हुआ है. – पूजा देवी, ग्रामीण.

विभाग द्वारा जो पानी टंकी से पानी सप्लाई का जिम्मा पंचायत को सौंपा गया है ,उसके अनुरूप सही ढंग से सप्लाई हो रही थी, लेकिन मेंटेनेंस के लिए जो राशि प्रत्येक घरों के लिए फिक्स की गयी थी, वह ग्रामीणों द्वारा नहीं दी जा रही थी. कुछ लोगों द्वारा सहयोग राशि दी गयी है. मोटर भी आ गया है. जल्द ही उसे लगा दिया जायेगा और लोगों को फिर से पानी मिलने लगेगा. – किशोरी साव, मुखिया, तिसरी पंचायत

संवेदक द्वारा यदि केवल बोरिंग करके छोड़ दिया गया है तो शीघ्र ही इसकी जांच की जायेगी और उससे कार्य को पूरा करवाया जायेगास, ताकि लोगों को पानी मिल सके. – मणिकांत, कनीय अभियंताI

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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