गालूडीह. फरवरी के पहले सप्ताह में ही सुवर्णरेखा नदी का जल स्तर काफी घट गया है. पानी कम होने के कारण दूर-दूर तक पत्थर ही पत्थर दिख रहे हैं. नदी के दोनों किनारे सूखा है. नदी के बीच पानी बह रहा है. वहां भी कमर भर पानी है. कई जगह नदी में नाले की तरह बह रही है. ऐसे में गर्मी में हालात क्या होंगे, यह सोचकर डर लगने लगा है. फरवरी से यह हालत है, तो आने वाले समय पर क्या होगा. यह चिंता का विषय है.
जलवायु परिवर्तन का असर : डॉ सलाम
दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ एन सलाम मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण भू-गर्भ जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. इसका परिणाम है कि समय के पहले नदी, तालाब, डोभा, कुएं के पानी सूखने लगते हैं. डीप बोरिंग की संख्या बढ़ने से भू-गर्भ जल स्तर पर प्रभाव पड़ रहा है. वर्षा जल संचय पर ज्यादा ध्यान देना होगा. अधिक से अधिक तालाब, डोभा, कुएं खोदने होंगे, ताकि वर्षा जल संचय हो सके. इससे भू-गर्भ जल स्तर ऊपर आयेगा. गर्मी में जल संकट नहीं गहरायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है