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गेरुआ वस्त्र में तृणमूल सांसद रचना बनर्जी ने किया कुंभ में स्नान, योगी सरकार की जमकर तारीफ की

प्रयागराज महाकुंभ में देशी-विदेशी लोगों ने इस बार त्रिवेणी में डुबकी लगायी. हुगली से तृणमूल कांग्रेस की सांसद रचना बनर्जी ने भी सरस्वती पूजा के दिन महाकुंभ में डुबकी लगायी.

संवाददाता, कोलकाता

प्रयागराज महाकुंभ में देशी-विदेशी लोगों ने इस बार त्रिवेणी में डुबकी लगायी. हुगली से तृणमूल कांग्रेस की सांसद रचना बनर्जी ने भी सरस्वती पूजा के दिन महाकुंभ में डुबकी लगायी. उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण कर पुण्य स्नान किया. इस समय संसद का अधिवेशन चल रहा है. वह इसी बीच प्रयागराज पहुंचीं. प्रयागराज में अपने अनुभवों को साझा करते हुए सांसद रचना बनर्जी ने कहा कि बसंत पंचमी को वह स्नान करने की योजना बनायी थीं. जैसा सोचा, उसके मुताबिक ही पुण्य स्नान के लिए पहुंच गयीं. दिल्ली से वह सीधे प्रयागराज पहुंचीं. संगम में स्नान के समय वह काफी उत्साहित थीं. देश-विदेश से करोड़ों लोग यहां स्नान कर चुके हैं. संगम में मची भगदड़ में हुई मौत को लेकर जहां बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर तृणमूल के अन्य नेता योगी सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं, उस समय तृणमूल सांसद रचना बनर्जी ने योगी सरकार की जमकर तारीफ की. उन्होंने यूपी सरकार को धन्यवाद भी दिया. उनका कहना था कि यहां जिस तरह से व्यवस्था की गयी थी, उसकी तुलना नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोई भी हादसा आखिरकार हादसा ही है. आयोजकों को धन्यवाद. करोड़ों लोगों के लिए शौचालय से लेकर पानी में कोई नहीं डूबे, इसका बखूबी इंतजाम किया गया था. यह एक कर्मयज्ञ है. एक दुर्घटना के बाद वहां की सरकार और ज्यादा सतर्क हो गयी है. रचना के स्नान का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. गेरुआ वस्त्र में वह काफी उत्साहित दिख रही हैं. रचना ने कहा कि त्रिवेणी संगम में उन्होंने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण भी किया. इससे अच्छा और क्या हो सकता है. स्नान करते समय पिता को याद कर वह काफी भावुक हो गयी थीं. उनका कहना था कि 144 साल बाद यह अमृत कुंभ आया है. यहां पिता के लिए प्रार्थना करना उनके लिए चिरस्मरणीय रहेगा. रचना बनर्जी अभिनेत्री के साथ सांसद भी हैं.

कहा : नहीं दी गयी किसी तरह की अतिरिक्त सुविधा

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें किसी तरह की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गयी थी. कोई विशेष प्रभाव दिखा कर वाहन लेकर यहां घुस जाये, ऐसी कोई व्यवस्था यहां नहीं है. यह सब पूरी तरह से बंद है. मुझे भी पैदल चल कर ही यहां आना पड़ा है. हालांकि वह जल मार्ग से यहां आयीं. उनका कहना था कि जो लोग पैदल भी जा रहे हैं, उनके लिए भी पर्याप्त सुरक्षा है. कोई वाहन आकर किसी को धक्का मार दे, यह संभव नहीं है. मैं इतना जरूर कहूंगी कि उत्तरप्रदेश की सरकार ने सफलतापूर्वक इतने बड़े कर्मयज्ञ का संचालन किया है. हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ अतिरिक्त सुविधा विशेष अतिथियों को दी गयी हैं, लेकिन इससे आमलोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इस पर सरकार ने पूरी नजर रखी थी. उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह मेला प्रांगण नहीं घूम पायीं. साधुओं का अखाड़ा नहीं देख पायी. स्नान करने के बाद ही वह लौट गयीं. उन्होंने कहा कि यहां जो अनुभव हुआ है, वह मेरे साथ रहेगा और मेरे साथ ही चला जायेगा.

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