Rourkela News: राजगांगपुर स्थित डालमिया सीमेंट कंपनी की ओर से गत 16 नवंबर को ध्वस्त कन्वेयर संरचना की जगह मंगलवार रात से काम प्रारंभ कर बुधवार तड़के नयी संरचना का निर्माण कर लिया गया है. यह निर्माण ओडिशा हाइकोर्ट के 30 जनवरी के आदेश तथा जिलापाल सुंदरगढ़ के 4 फरवरी की अनुमति के बाद किये जाने की बात सामने आयी है. वहीं बुधवार को पार्षदों की बैठक बुला चर्चा करने के बाद नगरपाल ने कंपनी की ओर से रात के अंधेरे में निर्माण को गैर कानूनी बताया तथा गुरुवार से जरूरी सेवाओं को छोड़ काम बंद आंदोलन की घोषणा की है.
16 नवंबर को ढह गयी थी संरचना
16 नवंबर 2024 को दोपहर तीन बजे के करीब राजगांगपुर से राउरकेला की ओर जाने वाली मुख्य मार्ग पर आइटी कॉलोनी के पास स्थित कंपनी की कन्वेयर संरचना ढह गयी थी. जिसके बाद नगरपालिका के कार्यनिर्वाही अधिकारी ने इसकी अनापत्ति पत्र को रद्द कर दोबारा से निर्माण पर रोक लगा दी थी. जिसपर कंपनी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था तथा कई तारीखों पर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अपने 30 जनवरी के आदेश से इसके दोबारा निर्माण का मार्ग कुछ शर्तों के साथ प्रशस्त कर दिया था. कंपनी द्वारा 1 फरवरी को जिलापाल को लिखे पत्र के जवाब में उन्होंने कुछ कागजात के जमा कर कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी थी. जिसके बाद कंपनी द्वारा मंगलवार रात करीब 12 बजे से इसके दोबारा निर्माण के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया. सुबह होते- होते इसे पूरा कर लिया गया.
कोर्ट के आदेश का कंपनी ने पूरी तरह से पालन नहीं किया : नगरपाल
इधर, नगरपाल ने इस कार्य को गैरकानूनी बताया है. उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश का कंपनी द्वारा पूरी तरह पालन नहीं किया गया. नगर परिषद को अंधेरे में रख रातोंरात इसका निर्माण करना गलत था. रात को भी घटना स्थल पर पहुंच कर उनके द्वारा इसे विरोध किया गया था तथा कंपनी द्वारा काम रोक दिया गया था. लेकिन उनके जाने के बाद भोर में इस कार्य को पूरा किया गया है.
सभी पार्षदों को अंधेरे में रखा गया
बुधवार को दो बजे एक आपातकालीन बैठक बुला उसमें इस विषय पर चर्चा करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए नगरपाल ने बताया कि न केवल कंपनी बल्कि कार्यनिवाही अधिकारी द्वारा उन्हें तथा सभी पार्षदों को अंधेरे में रखा गया है. मंगलवार 4 फरवरी को यदि जिलापाल का पत्र अधिकारी को मिला था तो उन्होंने उनको तथा पार्षदों को सूचित करना क्यों जरूरी नहीं समझा. कोर्ट द्वारा आवश्यक कागजातों रिपोर्टों को नगरपालिका में जमा कर उनके साथ चर्चा कर काम करने को कहा गया था, तो फिर ऐसा कंपनी द्वारा क्यों नहीं किया गया. नाराज नगरपाल तथा उपस्थित 11 पार्षदों द्वारा गुरुवार से नगरपालिका बंद कर आंदोलन के घोषणा की गयी है सफाई जैसी आवश्यक सेवाओं को इस आंदोलन से मुक्त रखा गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है