Rourkela News: बीजू पटनायक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (बीपीयूटी) का 11वां दीक्षांत समारोह बुधवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस सभागार में आयोजित हुआ. इसका उद्घाटन ओडिशा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ हरि बाबू कंभमपति ने किया. डॉ विनय कुमार दास (निदेशक, डीआइआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. समारोह में यूजी, पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों को तकनीकी डिग्री प्रमाण पत्र वितरित किये गये. 2023-24 तक यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए कुल 29,283 प्रमाण पत्र वितरित किये गये हैं. विश्वविद्यालय के 19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिला, जबकि बी-टेक के छात्र अर्जुन भुइयां, एम-टेक के भुवनानंद दास और बी-फार्मा के छात्र दिलीप कुमार सांतरा को विशेष स्वर्ण पदक प्रदान किये गये. राउरकेला और बोकारो स्टील प्लांट के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतनु भौमिक को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की गयी.
कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया
बीपीयूटी के कुलपति प्रो अमिय कुमार रथ ने अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और पहलों को रेखांकित किया. उन्होंने ई-परीक्षाओं में बीपीयूटी की अग्रणी भूमिका, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020-संरेखित पाठ्यक्रम की शुरुआत और परिणाम-आधारित शिक्षा और परियोजना-आधारित सीखने पर जोर देने पर प्रकाश डाला. उन्होंने उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने, बीपीयूटी टेक कार्निवल के आयोजन, बीपीयूटी हैकाथॉन और उद्योग अकादमिक सम्मेलन जैसी पहलों के माध्यम से उद्यमिता और अनुसंधान को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय के प्रयासों का भी उल्लेख किया. प्रोफेसर रथ ने कहा 11वें दीक्षांत समारोह में 66 को इंजीनियरिंग की डिग्री, 30 को पीएचडी, प्रबंधन में छह को, फार्मेसी में 27 को तथा कंप्यूटर एप्लीकेशन एवं विज्ञान में तीन को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये. मौके पर रजिस्ट्रार निशि पूनम मिंज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
सफल नवाचार और नैतिक मूल्यों से बनायें विकसित भारत: राज्यपाल
राज्यपाल और बीपीयूटी के कुलाधिपति डॉ हरि बाबू कंभमपति ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और राष्ट्र निर्माण में तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए अपने कहा कि सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष अनुसंधान और आइटी क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है. स्नातकों से अपने पेशेवर सफर में नवाचार और नैतिक मूल्यों को अपनाकर विकसित भारत की दिशा में योगदान देने का आग्रह किया.
तकनीकी रूप से उन्नत भारत का करें निर्माण : डॉ विनोय दास
मुख्य अतिथि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के महानिदेशक-इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार प्रणाली डॉ विनोय कुमार दास ने कहा कहा कि ज्ञान के महत्व को विद्यार्थी समझें. उन्होंने आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के निर्माण में अपने कौशल का लाभ उठाने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया. उन्होंने स्नातकों से बदलाव को अपनाने, अवसरों की तलाश करने और भारत को एक आर्थिक और तकनीकी महाशक्ति बनाने में योगदान देने का आग्रह किया, ताकि भारत एक तकनीकी महाशक्ति बने.
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