बहरागोड़ा. कोल्हान प्रमंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेंटर पर है. मरीजों को समय पर उचित इलाज के लिए परिजनों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. विभाग व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे करता है, लेकिन धरातल पर स्थिति बेहद खराब है. पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड की करीब 2 लाख 38 हजार आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवा से वंचित है. प्रखंड में सिर्फ दो 108 एंबुलेंस है, जबकि तीन 108 एंबुलेंस खराब पड़ी है.
सीएचसी से रोज 7-8 मरीज होते हैं रेफर
बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से प्रतिदिन 7 से 8 मरीज को उच्च चिकित्सा के लिए रेफर किया जाता है. बहरागोड़ा से जमशेदपुर में एमजीएम अस्पताल की दूरी 95 किमी है. वहीं, सीमावर्ती क्षेत्र ओडिशा के बारिपादा 50 किमी की दूरी पर है. दो 108 एंबुलेंस से मरीज को ले जाने में दिक्कत होती है. कई बार मरीज की हालत बिगड़ने लगती है. ऐसे में परिजनों को निजी वाहन से ले जाना पड़ता है. इससे अधिक खर्च व मरीज को जोखिम बढ़ जाता है.
निजी खर्च से बारीपदा या जमशेदपुर ले जाना संभव नहीं
रेफर हुए मरीजों के परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एंबुलेंस के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ता है. एंबुलेंस में देरी होने के कारण कई बार मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं. गरीब मरीजों को निजी खर्च से जमशेदपुर या बारीपादा ले जाना संभव नहीं हो पाता है. प्रखंड में 108 नंबर एंबुलेंस चालक का कहना है कि तीन एंबुलेंस खराब पड़ी है. इसकी जानकारी संबंधित एजेंसी को है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है