मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत तीनों शहरों में सतही जल से होगी पेयजल की आपूर्ति – जल संसाधन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना को मार्च 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य, क्षेत्र में भूजल पर खत्म होगी निर्भरता संवाददाता, पटना सोन नदी में उपलब्ध सतही जल का उपयोग करते हुए औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम शहरों में हर घर में पेयजल मार्च 2027 तक उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. इस योजना के पूरा होने से इन तीनों शहरों में पेयजल के लिए भूजल पर निर्भरता खत्म होगी और पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान में इस काम की भौतिक प्रगति सात प्रतिशत है. इसकी अनुमानित लागत 1347.32 करोड़ रुपये है. जल संसाधन विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना के पूरा होने के बाद औरंगाबाद शहर, डिहरी शहर और सासाराम शहर के कुल करीब एक लाख दो हजार 995 घरों में सोन नदी का शोधित जल पेयजल के लिए उपलब्ध होगा. इसकी आपूर्ति नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से की जा सकेगी. योजना के अधीन जलाशयों और जलशोधन के लिए आवश्यक संरचनाओं का निर्माण होगा. साथ पेयजल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाई जायेगी. योजना के कार्यान्वयन के लिए मेसर्स एनसीसी लिमिटेड, हैदराबाद को कार्य आवंटित किया गया है. गौरतलब है कि हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप प्रदेश में औसत वर्षापात में कमी आई है. वर्षापात का समान वितरण नहीं होने के कारण एक ही समय में प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो रही है, तो कुछ जिलों में सुखाड़ की समस्या है. इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सोन नदी में उपलब्ध जल का उपयोग करते हुए औरंगाबाद, डिहरी एवं सासाराम शहरों में पेयजल आपूर्ति की योजना की परिकल्पना की गई.
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