Parliament Session : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में कहा,” अवैध प्रवासी अमानवीय हालात में फंसे थे. इन्हें वापस लाना ही था. अवैध प्रवासी को भेजने का तरीका नया नहीं है. नियमों के तहत इन्हें वापस भेजा गया है.” अमेरिका से भारतीय प्रवासियों को भेजे जाने के मुद्दे पर सदन में मंत्री ने 2009 से अब तक अमेरिका से निर्वासन का विवरण भी साझा किया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा,”विदेशों में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व है. यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है. निर्वासन की मौजूदा प्रक्रिया नयी नहीं है, यह कई वर्षों से जारी है.” उन्होंने कहा,”हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ दुर्व्यवहार नहीं हो. हमारा ध्यान अवैध प्रवासियों से जुड़े ‘उद्योग’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए.”
विदेश मंत्री 3:30 बजे भारतीयों के निर्वासन के बारे में लोकसभा को संबोधित करेंगे
राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन को सूचित किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर दोपहर 3:30 बजे अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन के बारे में सदन को संबोधित करेंगे. लोकसभा में सहयोग के लिए अध्यक्ष की अपील के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा. इसके बाद कार्यवाही एक बार फिर 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा में जोरदार हंगामा
अमेरिका द्वारा 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किये जाने के मुद्दे पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष मामले पर चर्चा की मांग कर रहा है. लोकसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल से जुड़े सवालों के साथ हुई. इसका जवाब नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने दिया. इस बीच, विपक्ष के सांसदों ने सैन्य विमानों द्वारा अमेरिका से भारतीयों को वापस लाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा.
निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल
लोकसभा में कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, ”अमेरिकी सरकार द्वारा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और गुजरात से संबंधित 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया गया है. यह बहुत ही दुखद और अपमानजनक हैं. निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल हैं. इन लोगों को निर्वासन प्रक्रिया के दौरान बेड़ियों में जकड़े जाने और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किए जाने की खबरें सामने आई हैं. इससे उनकी मानवीय गरिमा और अधिकारों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं.”
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक मणिकम टैगोर ने अमेरिका से भारतीयों को अमानवीय तरीके से निकाले जाने पर स्थगन प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया. अमेरिकी वायुसेना का एक सी-17 वाइड-बॉडी विमान बुधवार (5 फरवरी, 2025) को अमृतसर के गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, जिसमें लगभग 100 भारतीय नागरिक सवार थे. टैगोर ने प्रस्ताव में उन रिपोर्टों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया था कि निर्वासित लोगों को हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर सैन्य विमानों में ले जाया गया था. उन्होंने कहा कि यह उनकी गरिमा का स्पष्ट उल्लंघन है.
विदेश मंत्रालय चुप क्यों है? : गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा,”मैं अमेरिकी सरकार के इस व्यवहार से बहुत निराश हूं. अमेरिका और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर सैन्य विमान से वापस भेजा है, वह बिल्कुल अमानवीय है. मुझे आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री चुप हैं. विदेश मंत्रालय चुप क्यों है? मुझे लगता है कि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री को इस बारे में बयान देना चाहिए.”