Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) बीमारी के अबतक कुल 173 मामले सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया, अब तक कुल 173 संदिग्ध मरीजों का पता चला है. इनमें से 140 मरीजों में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का पता चला है. कुल 6 मौतें हुई हैं. इनमें से 1 मौत की पुष्टि GBS के रूप में हुई और 5 संदिग्ध मौतें रिपोर्ट की गईं.
क्या है गिलियन-बैरे सिंड्रोम
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है. यह मरीजों के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है. जीबीएस मरीजों के स्वस्थ्य नसों पर हमला करता है. जिससे नसें कमजोर हो जाती हैं. अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया, जो जान जाने की भी संभावना बढ़ जाती है.
क्या है लक्ष्ण?
हाथों और पैरों में कमजोरी और झुनझुनी
हाथ पैर सुन्न हो जाते हैं
Paralysis की आशंका, जो चेहरे, आंख, छाती, और अंगों में मांसपेशियों पर अटैक कर सकता है.
कहां से कितने मामले
पुणे – 34 मरीज
नये ग्रामीण क्षेत्र में 87 मामले
पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम – 22 मामले
पुणे ग्रामीण – 22 मामले
अन्य जिलों से 8 मरीज
युवाओं में बढ़ रहा खतरा
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से सबसे अधिक युवा प्रभावित हो रहे हैं. 20 से 29 उम्र के सबसे अधिक 38 मरीज सामने आए हैं.
आयु वर्ग | मरीजों की संख्या |
0-9 | 23 |
10-19 | 23 |
20-29 | 38 |
30-39 | 21 |
40-49 | 22 |
50-59 | 25 |
60-69 | 15 |
70-79 | 2 |
80-89 | 4 |
कुल मामले | 173 |
लोगों से न घबराने की अपील, लक्षण दिखने पर जाएं अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से न घबराने की अपील की है. लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी है. स्वास्थ्य विभाग ने पानी के नमूने खुद जांच के लिए नहीं भेजने की भी सलाह दी गई है. पानी के नमूने की जांच और जीबीएस से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए, पुणे नगर निगम की संबंधित हेल्पलाइन 020-25501269, 25506800 और पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम की 7758933017 पर संपर्क करें.
लोगों के लिए गाइडलाइन जारी
पानी की गुणवत्ता अच्छी रखें. पानी उबाल कर पिएं.
भोजन ताजा और स्वच्छ होना चाहिए.
बासी और आधा पका हुआ भोजन न खाएं. खासकर चिकन और मटन.