CLAT: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2025 के परिणाम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट इन मामलों की सुनवाई 3 मार्च को करेगी. पिछले महीने, 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यह संकेत दिया था कि वह इन याचिकाओं को एक ही हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने पर विचार कर सकता है.
कब हुई थी परीक्षा ?
CLAT (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) 2024 परीक्षा 1 दिसंबर को आयोजित की गई थी, जो भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएट (UG) और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कानून सिलेबस में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है. इस परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवारों को भारतीय लॉ स्कूलों में दाखिला मिलता है. हालांकि, इस परीक्षा के बाद कई विवादों ने जन्म लिया. कई याचिकाएं विभिन्न हाईकोर्ट्स में दायर की गई थीं, जिनमें यह दावा किया गया था कि ग्रेजुएट (UG) सिलेबस की परीक्षा में कुछ प्रश्न गलत थे या अस्पष्ट थे, जिससे परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को असुविधा हुई. इन याचिकाओं में कुछ ऐसे सवालों का जिक्र किया गया था, जो स्पष्ट रूप से गलत थे या जिनका सही उत्तर नहीं दिया गया था, जिससे छात्रों की परीक्षा परिणाम पर असर पड़ा. इसके अलावा, कुछ याचिकाओं में यह भी कहा गया था कि PG सिलेबस में प्रवेश के लिए घोषित CLAT रिजल्ट में भी कुछ खामियां थीं, जो उम्मीदवारों को असंतुष्ट कर रही थीं. इन विवादों के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, और इसके समाधान के लिए उचित कार्रवाई की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. इन याचिकाओं में कई पहलुओं को चुनौती दी गई थी, जैसे परीक्षा के प्रश्नों की वैधता, उत्तर कुंजी की सहीता और परिणामों में सुधार की आवश्यकता. इन मामलों की सुनवाई अभी भी जारी है, और इनसे जुड़ी समस्याओं का समाधान जल्द ही संबंधित कोर्ट द्वारा किया जाएगा.
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