गोपालगंज. विजयीपुर के चर्चित छात्र अटल पांडेय हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में दूसरा ट्रायल भी शुरू हो गया है. बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्यों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किये हैं. बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता रामनाथ साहु ने गुरुवार को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सिकंदर मांझी पर आरोप है कि जगदंबा पांडेय को चाकू से मारा गया, लेकिन कोर्ट में साक्ष्य देने जगदंबा पांडेय क्यों नहीं आये. प्राथमिकी दर्ज करने में 13 घंटे विलंब का कोई उपयुक्त जवाब नहीं है. सभी साक्ष्यी आपस में संगे-संबेधी हैं. आरोपितों को भी गंभीर चोटें आयी थीं, लेकिन कांड के आइओ की तरफ से उसे दबा दिया गया है, जबकि तीन जिंदा बचे तो मृतक के पिता को सूचक क्यों नहीं बनाया गया. किस व्यक्ति ने दरवाजे पर आकर सूचना दी कि खेत को जोतवाया जा रहा है. उस व्यक्ति का नाम अबतक केस डायरी में क्यों नहीं आया. कोर्ट के समक्ष वरीय अधिवक्ता ने तथ्यों को रखते हुए कहा कि कांड के सूचक जब घटनास्थल पर थे, उनके भतीजा पर हमला हो रहा था तो वे बचाने क्यों नहीं आये. क्या वह मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे थे.या घटनास्थल पर थे ही नहीं. कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को कलमबद्ध करते हुए पुन: शुक्रवार को सुनवाई के लिए तिथि मुकर्रर की.
क्या है छात्र अटल पांडेय हत्याकांड
विजयीपुर थाने के कोरेया गांव में दो दिसंबर, 2021 को भूमि विवाद में गांव के संजय पांडेय, सिन्टू पांडेय, जगदंबा पांडेय और लखनऊ में पढ़ रहे छात्र अटल पांडेय को चाकू से जानलेवा हमला कर घायल कर दिया गया था. कोर्ट ने माना कि इन अभियुक्तों ने एक 16 वर्ष के किशोर अटल पांडेय, जो अपने पिता का इकलौता पुत्र था उसकी संपत्ति के लालच में हत्या को अंजाम दिया, साथ ही अटल पांडेय को बचाने गये अन्य व्यक्तियों पर भी जानलेवा हमला किया, जिसमें संजय पांडेय, सिन्टू पांडेय, जगदंबा पांडेय को भी जान मारने की नीयत से उनके शरीर के मर्म स्थलों पर घातक हथियार से प्रहार किया.
तीन अभियुक्तों को मिल चुका है उम्रकैद
चर्चित छात्र अटल पांडेय हत्याकांड में छह जुलाई, 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने तीन आरोपितों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुना चुकी है. साथ ही तीनों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया था. कोर्ट ने दोनों पक्षों के साक्ष्य, सबूत, वीडियो फुटेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चाकू से हमला कर जान लेने, जख्म प्रतिवेदन में चाकू से हमला की पुष्टि, डॉक्टर के बयान को सुनने के बाद फैसला सुनाया. कोर्ट ने अभियुक्त प्रेम खरवार, राजकुमार खरवार, अंगद विश्वकर्मा को एक अभ्यासिक अपराधी मानते हुए सजा दे चुकी है.
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