16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेदर कॉम्प्लेक्स की घटना से निगम हुआ सतर्क

लेदर कॉम्प्लेक्स थाना अंतर्गत बंटाला इलाके में मैनहोल की सफाई के दौरान तीन श्रमिकों की मौत की घटना से सबक लेते हुए कोलकाता नगर निगम अब अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है.

ऐसी घटनाएं रोकने के लिए पिछले वर्ष ही एसओपी जारी कर चुका है निगम

संवाददाता, कोलकाता.

लेदर कॉम्प्लेक्स थाना अंतर्गत बंटाला इलाके में मैनहोल की सफाई के दौरान तीन श्रमिकों की मौत की घटना से सबक लेते हुए कोलकाता नगर निगम अब अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है. नालियों की साफ-सफाई को लेकर सीवरेज व ड्रेनेज विभाग और सतर्क हो चुका है. मैनहोल या ड्रेनेज पाइप लाइन की सफाई निगम मुख्य रूप से ठेकेदारों से कराता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नालों की सफाई के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इसलिए निगम द्वारा कोर्ट के दिशा-निर्देश का पूरा ख्याल रखा जायेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो.

निगम सूत्रों के अनुसार, आमतौर पर सफाई से पहले मैनहोल का ढक्कन काफी देर तक खुला छोड़ दिया जाता है. ताकि जहरीली गैस आसानी से बाहर निकल सके. साथ ही निगम ने पहले से ही सीवरों की सफाई में मशीनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है. मैनहोल में विषाक्त गैस है या नहीं, इसकी जांच के लिए गैस डिटेक्टर का उपयोग किया जाता है. सफाई कर्मचारियों को मैनहोल की सफाई के लिए उसमें उतरने की जरूरत नहीं पड़ती. विशेष परिस्थिति में ही उन्हें सीवर में उतरना पड़ता है. ऐसी नौबत आने पर कर्मचारी को पर्याप्त तैयारी के साथ मैनहोल में उतारा जाता है. उनके साथ एक कुशल गोताखोर, ऑक्सीजन मास्क और सभी आवश्यक सामान उपलब्ध कराये जाते हैं.

निगम ड्रेनेज व सीवरेज विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि सीवरेजों की सफाई का काम सही तरीके से किया गया है. निगम ने जिस प्रकार का बुनियादी ढांचा तैयार किया है, उसमें सफाई कर्मियों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए. बंटाला में भी श्रमिकों को उचित बुनियादी ढांचे के साथ मैनहोल में उतारा गया होता, घटना नहीं होती. हालांकि, हमने उक्त घटना से सबक लेते हुए अनुबंध कंपनियों को चेतावनी जारी कर दी है.

मेयर परिषद के सदस्य (सीवरेज व ड्रेनेज) तारक सिंह ने कहा कि लेदर कॉम्प्लेक्स जैसी घटना अब कोलकाता में कभी नहीं होगी. पिछले साल 16 अप्रैल को महानगर में नालों की साफ-सफाई को लेकर सीवरेज व ड्रेनेज विभाग की ओर से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया गया था. हमारे पास बुनियादी ढांचा तैयार है. कोलकाता में मैनहोल की सफाई के के लिए श्रमिकों को सीवर में नहीं उतरना पड़ता है. विशेष परिस्थिति में नाले में उतरना पड़े, तो जारी एसओपी के अनुसार सभी सुरक्षित उपाय सुनिश्चित किया जाता है. कोलकाता में निगम द्वारा अनुबंधित ठेकेदारों द्वारा ही यह कार्य कराया जाता है. लेकिन मैनहोल की सफाई निगम के सीवरेज विभाग की निगरानी में की जाती है. मौके पर विभागीय अधिकारी मौजूद रहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें