Illegal Immigrants: 104 निर्वासित भारतीय नागरिकों को लेकर कई तरह की खबरें आ रहीं हैं. इन्हें एक अमेरिकी सैन्य विमान ने बुधवार दोपहर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस ने इनमें से कई लोगों और पुलिस के सूत्रों के हवाले से खबर दी है. खबर में बताया गया है कि इनसे बात करने के बाद पता चला है, अमेरिका से निर्वासित किए गए कई भारतीय पिछले महीने जनवरी या दिसंबर के अंत में ही मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर पहुंच गए थे.
30 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक खर्च किए अमेरिका पहुंचने के लिए
104 में से 30 पंजाब से और 33 गुजरात से थे. पंजाब और गुजरात से कम से कम 15-15 लोगों को मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर हिरासत में लिया गया. ऐसा इसलिए क्योंकि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन के तहत सख्त सीमा नियंत्रण के बीच अमेरिका में इंटर करने की कोशिश कर रहे थे. निर्वासितों के अनुसार, उन्होंने अमेरिका पहुंचने के प्रयासों में 30 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक खर्च किए. एजेंट ने फीस के रूप में ये पैसे लिए.
निर्वासित भारतीय नागरिकों को कहां पकड़ा गया?
मोहाली के जुरैत गांव के 21 वर्षीय प्रदीप सिंह छह महीने पहले घर से निकले. मैक्सिको-अमेरिका सीमा तक पहुंच गए. यहां 42 लाख रुपये खर्च किए. इसके बाद दो सप्ताह पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसी तरह, फतेहगढ़ साहिब के काहनपुर गांव के जसविंदर सिंह (30) पिछले साल अक्टूबर में रवाना हुए. 50 लाख रुपये खर्च करके 15 जनवरी को सीमा पर पहुंचे. पटियाला के अहरू खुर्द गांव के अमृत सिंह (18) आठ महीने पहले रवाना हुए. जनवरी के मध्य में सीमा पर पहुंचे. दोनों को सीमा पर ही पकड़ लिया गया.
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निर्वासित पंजाब निवासियों में गुरदासपुर के हरदोवाल गांव के 36 वर्षीय जसपाल सिंह भी शामिल थे. इन्हें ब्राजील में छह महीने बिताने और 30 लाख रुपये खर्च करने के बाद 24 जनवरी को मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर गिरफ्तार किया गया. होशियारपुर के टाहली गांव के 40 वर्षीय हरविंदर सिंह, जिन्होंने 42 लाख रुपये खर्च किए. 15 जनवरी को अमेरिकी सीमा पर पहुंचे. लुधियाना के जगराओं की 21 वर्षीय मुस्कान, जो पिछले साल स्टडी परमिट पर यूके गई थी. उन्होंने अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया. 15 जनवरी को पकड़ी गई. राजपुरा और पटियाला शहर के दो अन्य लोग, जो पिछले साल चले गए थे, लेकिन पिछले महीने अमेरिकी सीमा पर गिरफ्तार कर लिए गए थे.