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श्रीसंत को जेल की याद दिला रहा केरल क्रिकेट बोर्ड, जानें क्या है मामला जो बात यहां तक पहुंच गई

S. Sreesanth: केरल क्रिकेट एसोसिएशन और एस. श्रीसंत के बीच लड़ाई खुलकर आ गई है. दोनों एक दूसरे के ऊपर ताबड़तोड़ आरोप लगा रहे हैं. केसीए ने यहां तक कि श्रीसंत के जेल जाने की भी याद दिला दी.

S. Sreesanth: केरल क्रिकेट एसोसिएशन (केसीए) ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत को कारण बताओ नोटिस जारी करने किया है. केसीए ने साफ किया कि यह नोटिस एसोसिएशन के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए जारी किया गया है न कि संजू सैमसन का समर्थन करने के कारण. केरल क्रिकेट लीग (केसीएल) की एक फ्रेंचाइजी टीम के सह-मालिक के रूप में, श्रीसंत केसीए के खिलाफ अनुचित टिप्पणी करने के दोषी पाए गए, जो उनके अनुबंध का उल्लंघन था.

केसीए ने अपनी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में श्रीसंत पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्हें उनके पूर्व सट्टेबाजी मामले और जेल में बिताए समय की याद दिलाई गई. एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि अदालत ने आपराधिक आरोप हटा दिए थे, लेकिन सट्टेबाजी के आरोपों से उन्हें पूरी तरह बरी नहीं किया गया था. केसीए ने यह भी याद दिलाया कि प्रतिबंध समाप्त होने के बाद श्रीसंत को घरेलू क्रिकेट में वापसी का अवसर देने वाला वे एकमात्र क्रिकेट बोर्ड थे.

केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने क्या कहा

ऑनलाइन मनोरमा के अनुसार केसीए के बयान में कहा गया कि श्रीसंत जैसे व्यक्ति, जो कभी सट्टेबाजी मामले में शामिल रहे हों, उन्हें खिलाड़ियों की सुरक्षा का उत्तरदायित्व नहीं लेना चाहिए. एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि बीसीसीआई ने सट्टेबाजी मामले में उनकी संलिप्तता को सही पाया था, जिसके चलते उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, बाद में बीसीसीआई लोकपाल ने प्रतिबंध की अवधि घटाकर सात वर्ष कर दी थी.

केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने श्रीसंत को संजू का समर्थन करने के लिए नहीं, बल्कि एसोसिएशन के खिलाफ झूठा और अपमानजनक बयान देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. केरल क्रिकेट लीग फ्रेंचाइजी टीम के सह-मालिक श्रीसंत ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन के प्रति अपमानजनक बयान दिया, जो अनुबंध का उल्लंघन है.

केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने हमेशा अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा का रुख अपनाया है. श्रीसंत पर सीधे तौर पर सट्टेबाजी का आरोप लगाया गया था, जो भारतीय क्रिकेट का एक काला अध्याय था, और जब वह जेल में थे, तब भी एसोसिएशन के अधिकारी उनसे मिलने आए और उन्हें सहायता की पेशकश की. हालांकि, सट्टेबाजी से जुड़े आरोप सही पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. बाद में बीसीसीआई लोकपाल ने आजीवन प्रतिबंध को घटाकर सात वर्ष कर दिया.

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केसीए ने श्रीसंत को, जो अपनी सजा पूरी कर चुके थे, रणजी ट्रॉफी सहित अन्य प्रतियोगिताओं में एक और मौका दिया, केवल एसोसिएशन के सुरक्षात्मक रुख के कारण. यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या उनके संघों ने सट्टेबाजी में शामिल अन्य खिलाड़ियों के प्रति भी ऐसा ही अनुकूल रुख अपनाया था. केरल क्रिकेट लीग पर कमेंट्री करते हुए श्रीसंत ने खिलाड़ियों के लिए किए गए कार्यों के लिए एसोसिएशन की प्रशंसा की थी.

श्रीसंत का यह सवाल कि संजू सैमसन के बाद भारतीय टीम में कौन आया, हास्यास्पद है. वरिष्ठ राष्ट्रीय खिलाड़ी सजना सजवन, मिन्नुमनी और आशा शोभना के अलावा वी.जे. अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम में हैं. जोशिता, सीएमसी अंडर-19 टीम में. केरल क्रिकेट के बारे में श्रीसंत की जानकारी की कमी को नाजला और मोहम्मद इनान के अंडर-19 एशिया कप टीम में शामिल होने के बारे में जानकारी की कमी के रूप में देखा जा रहा है.

अनुशासन का उल्लंघन, चाहे कोई भी करे, बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यदि एसोसिएशन के खिलाफ गलत बयान दिया जाता है और मानहानि होती है, तो बिना किसी पूर्वाग्रह के कार्रवाई की जाएगी. केसीए ने यह भी बताया कि रणजी ट्रॉफी सहित अन्य टूर्नामेंटों में श्रीसंत को दोबारा खेलने का मौका केवल एसोसिएशन के सकारात्मक रवैये के कारण दिया गया था. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या अन्य क्रिकेट बोर्ड ने सट्टेबाजी में फंसे खिलाड़ियों के साथ ऐसा ही समर्थन दिखाया?

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श्रीसंत का क्या आरोप जिस पर केरल क्रिकेट एसोसिएशन भड़का

श्रीसंत ने केसीए की नीति पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि संजू सैमसन के बाद से कोई भी नया खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में शामिल नहीं हुआ. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, केसीए ने महिला क्रिकेटरों सजना सजीवन, मिन्नुमनी और आशा शोभना के नामों का उल्लेख किया, जो राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं.

केसीए ने श्रीसंत की इस टिप्पणी को केरल क्रिकेट की प्रगति की जानकारी के अभाव के रूप में देखा. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो कोई भी झूठी बयानबाजी कर एसोसिएशन की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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श्रीसंत ने दिया जवाब

इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्रीसंत ने मलयालम न्यूज ऑनलाइन मनोरमा से बात करते हुए स्पष्ट किया कि वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ खड़े रहेंगे, चाहे वह संजू सैमसन हों, सचिन बेबी हों या निधीश. उन्होंने केसीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे स्थानीय मलयाली खिलाड़ियों की बजाय बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे घरेलू खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की संभावनाएं कम हो रही हैं.

“सचिन बेबी पिछले सत्र में घरेलू क्रिकेट के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, फिर भी उन्हें दिलीप ट्रॉफी टीम में जगह नहीं मिली. केसीए इस पर क्यों चुप था?” श्रीसंत ने केसीए पर निशाना साधते हुए कहा कि एसोसिएशन केवल अपने हितों के लिए काम कर रहा है और उनकी सच्चाई सामने लाने की कोई भी कोशिश उन्हें दबा नहीं सकती.

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