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आरबीआई की रेट कटौती से अफोर्डेबल हाउसिंग में आएगा बूम, टैक्स छूट में राहत! जानें कैसे?

RBI Repo Rate Cut: आरबीआई की रेपो रेट कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है. इससे होम लोन दरें कम हो सकती हैं, जिससे किफायती आवास क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. साथ ही, कर छूट में दी गई राहत से आम लोगों की खरीद क्षमता मजबूत होगी.

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में 25 आधार अंक (bps) या 0.25% कटौती करने की घोषणा की है, जिससे किफायती आवास (Affordable Housing) क्षेत्र को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है.

अफोर्डेबल हाउसिंग को कैसे मिलेगा फायदा?

रियल एस्टेट बिजनेस लीडर निरंजन हीरानंदानी के अनुसार, आरबीआई की ब्याज दरों में कमी से किफायती आवास क्षेत्र को दोबारा गति मिलेगी. उन्होंने कहा, “पिछले एक-डेढ़ साल में उच्च ब्याज दरों के कारण किफायती आवास क्षेत्र प्रभावित हुआ था. अब, रेपो दर में कटौती से इस सेक्टर को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर मिलेगा.”

कर छूट में राहत, आर्थिक विकास को बढ़ावा

बजट में टैक्स छूट सीमा बढ़ाने के निर्णय की सराहना करते हुए हीरानंदानी ने इसे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा बढ़ावा बताया. उन्होंने कहा कि इस नीति परिवर्तन से न केवल आवासीय परियोजनाओं की मांग बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी.

रेपो रेट कटौती आर्थिक विकास के लिए क्रांतिकारी कदम

हीरानंदानी ने मुद्रास्फीति नियंत्रण और रेपो दर में कटौती के संयोजन को अतिरिक्त प्रोत्साहन करार दिया. उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था को 7-8% विकास दर तक ले जाना आवश्यक है, और यह रेपो कटौती उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत है.”

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क्या होगा होम लोन पर असर?

एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने आरबीआई की नीति को समय पर और प्रासंगिक बताया. उन्होंने कहा कि यह कटौती सस्ती होम लोन दरों की संभावना को बढ़ाएगी, जिससे आम जनता को फायदा होगा. आरबीआई की रेपो रेट कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है. इससे होम लोन दरें कम हो सकती हैं, जिससे किफायती आवास क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. साथ ही, कर छूट में दी गई राहत से आम लोगों की खरीद क्षमता मजबूत होगी.

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