रांची. सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी एवं न्यायिक अकादमी झारखंड के तत्वावधान में शुक्रवार को सिविल कोर्ट के कांफ्रेंस हॉल में अधिवक्ताओं और उनके क्लर्क के लिए ई-कोर्ट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया डिजिटलाइजेशन एवं पेपरलेस की ओर बढ़ रहा है. आज के समय में कोई भी व्यक्ति मोबाइल के बिना ज्यादा समय तक नहीं रह सकता है. ई-कोर्ट सर्विस में लगातार बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है. आनेवाले समय में ई-कोर्ट सर्विसेज से ई-फाइलिंग, ई-पेमेंट आदि की सुविधा सुचारू रूप से चलेगी. आनेवाले समय में आइसीजेएस की सुविधा सुचारू रूप से कार्यान्वित होनेवाली है, जिससे सभी अधिवक्ता, मुवक्किल, न्यायिक पदाधिकारी तथा आम जनता को लाभ होगा. संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि आज के समय में अधिवक्ता की निर्भरता ई-कोर्ट ऐप में हो चुकी है. अगर थोड़े समय के लिए ई-कोर्ट सर्विस बाधित होता है, तो अधिवक्ता परेशान हो जाते हैं. अपने मुकदमे से संबंधित जानकारी देख नहीं पाते हैं. उन्होंने कहा कि उसी ऐप में ई-कोर्ट में प्रतिदिन न्यायालय में होनेवाले मुकदमों के कार्यों व आदेशों का संक्षिप्त विवरण अपलोड किया जाना चाहिए. इस दौरान अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने भी विचार रखे. कार्यक्रम में न्यायायुक्त दिवाकर पांडे, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय एसएस फातमी, एमएसीटी के पीओ मनीष, रांची जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभु अग्रवाल, महासचिव संजय विद्रोही समेत रांची जिला बार एसोसिएशन के अन्य निर्वाचित सदस्य एवं अधिवक्ता, सिविल कोर्ट के डीएसए भास्कर एवं साजिद शामिल हुए.
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