एयरपोर्ट, कोसी से गाद उड़ाही सहित अन्य मांग रखी सहरसा . लोकसभा में आम बजट पर सांसद दिनेश चंद्र यादव ने सहरसा एयरपोर्ट का निर्माण, बराह क्षेत्र में हाईडैम, कोसी नदी से गाद की उड़ाही, सहरसा-नई दिल्ली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, पटना-पूर्णियां वंदे भारत ट्रेन, सहरसा-मानसी रेलखंड का दोहरीकरण व सहरसा-लहेरिया सराय रेल लाइन की स्वीकृति का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार का यह काफी उदार बजट है, जिसकी काफी सराहना हो रही है. मध्यम वर्गों को आयकर की सीमा में 12 लाख तक की छूट से मध्यम वर्ग एवं वेतनभोगी वर्ग काफी खुश हैं. साथ ही टीडीएस में छूट भी आम नागरिकों को टैक्स में राहत देने का काम करेगा. वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज पर वर्तमान टीडीएस 50 हजार को बढ़ाकर एक लाख करना, इसी प्रकार किराये की आमदनी पर टीडीएस की वर्तमान सीमा दो लाख 40 हजार से बढ़ाकर छह लाख कर देने से आम जनता को लाभ मिलेगा. इसी प्रकार टैक्स प्रणाली में उदारता व सरलीकरण का लाभ कर दाताओं को मिलेगा. उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री अपने प्रस्तुति के क्रम में कहा कि बिहार में पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिये वित्तीय सहायता दी जायेगी. जिसमें करीब 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा. यह परियोजना पूर्ण रूपेण केंद्रीय परियोजना पर चलनी चाहिए. वित्तमंत्री ने पटना एवं बिहटा के एयरपोर्ट के विस्तार के अलावा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. यह काफी सराहनीय कदम है. इसमें उस क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्षेत्रीय उड़ान योजना के तहत सहरसा एवं वीरपुर एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया है. इसका प्री-फिजिबिलिटी सर्वेक्षण भी हुआ है. इसकी मंजूरी शीघ्र देकर वहां से प्लेन चलाने लायक किया जाये. इसी प्रकार बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव के लिए वे धन्यवाद देते हैं. आशा है कि यह बोर्ड जल्द ही स्थापित होगी. जिससे मखाना किसानों को इसका लाभ मिलना प्रारंभ होगा. उन्होंने कहा कि वे बिहार राज्य के कोशी क्षेत्र से आते हैं. जहां बाढ़ विशेष रूप से प्रतिवर्ष जनमानस के लिए कठिनाईयां को लेकर आती ही रहती है. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक केंद्र एवं राज्य सरकार बिहार में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए अथक प्रयास करती रही है. लेकिन सारे प्रयास एवं परियोजनाएं असफल हुई है. एक ठोस एवं कारगर नीति अभी तक नहीं बनी है. वे कोसी क्षेत्र के बाढ़ की विनाशलीला को पिछले सात दशकों से देखता आ रहे हैं. अनुभव के आधार पर केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहता हैं कि सरकार नेपाल सरकार से बात करके नेपाल से निकलने वाली कोसी नदी जो प्रत्येक साल बिहार को तबाह करती है. उसमें बराह क्षेत्र में हाईडैम बनायें एवं पानी को बरसात के समय वहीं नियंत्रित करने से बिहार में बाढ़ की समस्या से निदान मिल सकती है. इसमें राज्य सरकार को भी विश्वास में लेने की आवश्यकता है. तकनीकी विशेषज्ञों की राय राज्य सरकार के पास है. उन्होंने कहा कि कोसी नदी में प्रत्येक साल अत्यधिक गाद आने से नदी का सतह उंचा होने से पानी अनियंत्रित होकर नदी से उपर होकर तबाही मचाती है. इसलिए केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि एक योजना बनाकर कोसी नदी से गाद निकाला जाये. उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में दो एनएच 106 एवं 107 का निर्माण एनएचएआई द्वारा छह, सात वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो रहा है. लोग परेशान हैं. सरकार बार-बार काम पूर्ण का समय निर्धारित करती है. लेकिन कार्य एजेंसी संवेदक पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. उन्होंने गरीब, मध्यम वर्गों, युवाओं, किसानों एवं अन्नदाताओं को ध्यान में रखकर उनके विकास को बढ़ावा देने वाले बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्तमंत्री का आभार व्यक्त किया.
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