14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उर्दू शहद से भी ज्यादा है मीठी जुबानः डीएम

उर्दू शहद से भी ज्यादा है मीठी जुबानः डीएम

फरोग ए उर्दू सेमिनार, मुशायरा व कार्यशाला का हुआ आयोजन सहरसा . मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग व जिला उर्दू कोषांग के तहत शनिवार को प्रेक्षागृह में फरोग ए उर्दू सेमिनार, मुशायरा व कार्यशाला का आयोजन उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया. दीप प्रज्वलन के मौके पर अपर समाहर्ता संजीव कुमार चौधरी, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर प्रदीप कुमार झा, उपनिदेशक पंचायती राज, वरीय कोषागार पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मुराद अली, भूमि सुधार उपसमाहर्ता सदर, सहायक कोषागार पदाधिकारी, जिला कला संस्कृति पदाधिकारी व जिला के गणमान्य उर्दू प्रेमी मौजूद थे. दीप प्रज्वलन के बाद प्रभारी पदाधिकारी ने मंच पर मौजूद सभी पदाधिकारी, गणमान्य उर्दू प्रेमियों, जिला के सभी क्षेत्रों से आये उर्दू शिक्षकों व छात्र-छात्राओं का स्वागत किया. कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने जिला उर्दू नामा का विमोचन व पूर्व में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के सफल छात्र-छात्राओं के बीच प्रशस्ति पत्र का वितरण किया. जिला पदाधिकारी संबोधित करते कहा कि उर्दू बिहार राज्य की दूसरी सरकारी भाषा है. इसका विकास करने के लिए बिहार सरकार फरोग ए उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा कराती है. इस दूसरी सरकारी भाषा के कार्यान्वयन की दृष्टि से सरकार ने सरकारी कार्यालयों में उर्दू नेम प्लेट लगाने का भी निर्देश दिया है जिस पर अमल हो रहा है. उन्होंने कहा कि उर्दू शहद से भी ज्यादा मीठी जुबान है. जिसकी मिठास का आनंद हम व आप आज के इस सेमिनार एवं मुशायरा में ले रहे हैं. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप नशे से दूर रहें, सोशल मीडिया का काम से कम इस्तेमाल करें व उर्दू को अच्छी तरह पढ़ें, लिखें. इससे आपका भविष्य उज्जवल होगा. रेडक्रॉस चेयरमैन सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अबुल कलाम ने फरोग ए उर्दू सेमिनार कार्यक्रम में शिरकत करते कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रोग्राम है. बिहार सरकार ने जो अरेंजमेंट किया है वह बहुत बेहतर है. वे अवाम को यह संदेश देना चाहेंगे कि लोग उर्दू पढ़ें एवं बोलें. अपने आसपास में जो लोग उर्दू नहीं जानते हैं उसे उर्दू के बारे में बताएं सिखाएं व उर्दू से मोहब्बत करें. उर्दू केवल मुसलमान की जुबान नहीं है. बल्कि हम वतन हिंदुस्तान की जुबान है. इसे सभी लोगों को मिलजुल कर जिंदा रखने की जरूरत है. फरोगे उर्दू सेमिनार के तहत भूतपूर्व विभागाध्यक्ष उर्दू पटना विश्वविद्यालय सफदर इमाम कादरी, विभागाध्यक्ष उर्दू, आरएम कॉलेज मो मंसूर आलम एवं असिस्टेंट प्रोफेसर एलसी कॉलेज पस्तवार शमीमा खातून ने आलेख प्रस्तुत किया. दूसरी पाली में शानदार मुशायरा कार्यक्रम संपन्न हुआ. मुशायरा में तबरेज हाशमी, अल्पना आनंद, आदर्श दुबे, जाहिद वफा, मुर्तजा नारियल्वी, साबिर मुबारक पूरी व अदीबा नाज ने अपनी शायरी से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुवाद पदाधिकारी उर्दू मो परवेज नसीम, उर्दू अनुवादक मो तजम्मुल हक, मो आफताब आलम, उच्च वर्गीय लिपिक उर्दू मो सलीम, उच्च वर्गीय लिपिक हिंदी शिव शंकर प्रसाद, निम्न वर्गीय लिपिक हिंदी प्रदीप प्रियदर्शी एवं निम्न वर्गीय लिपिक उर्दू असलम अंसारी का योगदान सराहनीय रहा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें