गर्भवती महिला गंभीर रूप से घायल, चालक को भेजा गया जेल सुपौल. प्रखंड कार्यालय के समीप निर्माणाधीन आरओबी के समीप शुक्रवार की देर रात एक ओवरलोडेड एंबुलेंस के पलटने से एक मरीज की मौत हो गयी. जबकि दूसरा मरीज गंभीर रूप से घायल हो गया. मृतक की पहचान प्रतापगंज थाना क्षेत्र के सुखानगर वार्ड नंबर 02 निवासी शिव नारायण के 36 वर्षीय पुत्र तारानंद मंडल के रूप में की गयी. बताया जा रहा है कि राघोपुर रेफरल अस्पताल में तबीयत बिगड़ने की वजह से तारानंद मंडल एवं एक गर्भवती महिला को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया था. मृतक के चाचा विजय मंडल ने बताया कि एक ही एंबुलेंस पर तारानंद एवं एक गर्भवती महिला को भी बैठा दिया गया. जिसके बाद दोनों मरीजों के परिजन मिला कर करीब 10 लोग एंबुलेंस पर सवार थे. जिला मुख्यालय स्थित प्रखंड कार्यालय के पास एंबुलेंस अनियंत्रित होकर पलट गयी. इस दुर्घटना में रेफर मरीज तारानंद मंडल की मौत हो गयी. जबकि गर्भवती महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी. महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों द्वारा हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. वहीं शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया. मृतक के पिता शिव नारायण मंडल ने लिखित आवेदन सदर थाना को दिया है. सदर थाना पुलिस द्वारा एंबुलेंस चालक मनीष कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी. जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बताया गया है कि वे अपने पुत्र को लेकर रेफरल अस्पताल राघोपुर गये थे, जहां उसकी बिगड़ते हालत को देख कर डॉक्टर द्वारा बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. रात करीब 01:15 बजे एंबुलेंस सुपौल प्रखंड कार्यालय के समीप पलट गयी. हमलोग ई-रिक्शा से सदर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने तारानंद को मृत घोषित कर दिया. इस दुर्घटना में एंबुलेंस भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी. एक एंबुलेंस पर दो मरीज को लेकर उठ रहे सवाल ओवरलोड एंबुलेंस पलटने के इस घटना से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठने लगे है. जानकारों की मानें तो एंबुलेंस पर एक मरीज के साथ दो से तीन परिजन ही सफर कर सकते हैं. लेकिन इन दिनों जिला में एंबुलेंस सेवा बदहाल बना हुआ है. एक ही एंबुलेंस पर भेड़-बकरियों की तरह मरीज व परिजनों को ढोया जाता है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. हालांकि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी एंबुलेंस को लेकर कई सवाल खड़े किये गये हैं. कहीं एंबुलेंस को धक्का देकर स्टार्ट किया जाता है तो कहीं एंबुलेंस में मरीजों के बदले अन्य सामान को ढोया जाता है. जबकि एंबुलेंस कर्मियों द्वारा कुछ पैसों के लालच में एक के बदले दो-दो मरीजों को बैठाया जाता है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि अभी वह बाहर हैं. इस बारे में डीपीएम से बात कर लें. डॉक्टर द्वारा दो मरीज को बेहतर इलाज के लिये रेफर किया गया था. यह एंबुलेंस चालक की गलती है कि दोनों मरीजों को एक साथ ही लेकर जा रहा था. एक बार में एक ही मरीज को ले जाया जा सकता है. नोमान अहमद, स्वास्थ्य प्रबंधक, रेफरल अस्पताल, राघोपुर डीपीएम मो मिन्न्तुल्लाह ने पूछे जाने पर बताया कि इस विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. मामले की जानकारी प्राप्त की जा रही है. जिसके बाद विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. मृतक के पिता के आवेदन पर मामला दर्ज कर एंबुलेंस ड्राइवर मनीष कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अनिरूद्ध कुमार, सदर थानाध्यक्ष
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