मेदिनीनगर. इ-कमेटी ऑफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश व पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव के आदेश पर शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में अधिवक्ता व अधिवक्ता क्लर्क के लिए इ-कोर्ट प्रोग्राम के तहत इ-कोर्ट कैपेसिटी बिल्डिंग फेज थ्री के अंतर्गत एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जिसमें मास्टर ट्रेनर राहुल सत्यार्थी व चार्जरस सुराणा डीसीएस के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन पलामू के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने द्वीप प्रज्वलित कर किया. इस कार्यक्रम में 50 से अधिवक्ताओं व क्लर्कों ने भाग लिया. मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अब मैन्युअल वर्क से ऑटोमेटिक सिस्टम में हम जा रहे हैं. पेपरलेस वर्क की तरह बढ़ रहे हैं. जिसके लिए इनफॉरमेशन व कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्यूडिसियल वर्क में जरूरी हो गया है. कहा कि इसकी जानकारी प्राप्त करना सभी के लिए जरूरी है. उसका उपयोग में लाना भी जरूरी है. इ-फाइलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोग खुद से भी इ-फाइलिंग कर सकते हैं. इ-पेमेंट भी कर सकते हैं. उन्होंने इ-कोर्ट ऐप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह प्रयास है कि न्याय को कैसे सुलभ व सरल बनाया जाये. आम जनमानस तक कैसे सुलभ न्याय पहुंचाया जाये. इसी के तहत ई-कोर्ट प्रोग्राम के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि इ-कोर्ट प्रणाली वर्तमान समय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह सभी लोगों के लिए जरूरी है. प्रशिक्षण अधिवक्ताओं के लिए बहुत उपयोगी है. इससे वे न्याय प्रणाली की डिजिटल प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से समझ पाये. इ-कोर्ट प्रणाली में न्याय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी व तेज हो सकेगी. अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव ने कहा कि लोग घर बैठे ही अपने केस का स्टेटस पता लगा सकते हैं. महासचिव अजय कुमार पांडेय ने कहा कि प्रशिक्षण से अधिवक्ता व अधिवक्ता क्लर्क में कार्य करने में दक्षता आयेगी.
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