जर्जर भवन में पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे
महरथ गांव स्थित सरकारी मध्य विद्यालय का मामला
हलसी. प्रखंड मुख्यालय बल्लोपुर पंचायत के बेला महरथ गांव स्थित सरकारी मध्य विद्यालय का भवन जर्जर अवस्था में है. माध्यमिक विद्यालय काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. विद्यालय की छत पर घास उग गयी है. वर्षा के दिनों में तो छत से पानी टपकता है. शिक्षक बड़ी मुश्किल से छात्रों को पढ़ाते हैं, उन्हें हमेशा डर बना रहता है. विद्यालय का भवन 1953 में बना था, जो अब पूरी तरीके से जर्जर है, कहीं-कहीं तो दीवार छत छोड़ चुकी है. विद्यालय में जो बच्चे पढ़ने आते हैं, उनकी सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. विद्यालय के जर्जर हालत वाले कमरों में विद्यार्थियों को पढ़ाई करायी जा रही है, ऐसे में खतरा और बढ़ जाता है. छतों से प्लास्टर टूटकर गिरने लगते हैं, जिस कारण अनहोनी होने का खतरा बना हुआ है. बताया गया कि विद्यालय में चार कमरे का निर्माण वर्ष 2014 में कराया गया था. वहीं विद्यालय में पठन-पाठन के सिर्फ चार कमरा है. जिसमें एक कमरा कार्यालय है. बाकी तीन कमरे में पढ़ाई चलता है. बच्चों का पठान-पठान का कार्य वहीं तीन कमरा रहने के कारण कक्षा एक से लेकर 8वीं तक के बच्चे पठन-पाठन करते हैं.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजकुमार ने बताया कि विभाग द्वारा चार कमरे का भवन निर्माण कराया गया, लेकिन नये तीन कमरे में कक्षा एक से लेकर 8वीं तक के बच्चों का पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में विद्यालय में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 226 है एवं विद्यालय में शिक्षक शिक्षिका की उपस्थिति छह है. यहां वर्ग एक से आठ तक के बच्चों का पठान-पठान कार्य किया जा रहा है. कमरों की कमी की वजह से वर्ग सामूहिक रूप से चलाया जा रहा है. वहीं लेकिन कमरों की कमी होने के कारण पुराने वाले भवन के कमरे को स्टोर रूम एवं रसोईघर के रूप में उपयोग किया जा रहा है. जो पूरी तरह जर्जर हो चुका है. छत से सरिया भी लटक रहे हैं. कभी भी यह भवन गिर सकता है. बरसात के समय में बच्चों को भोजन कक्षा में बैठाकर कराया जाता है. कमरा के कमी होने के कारण जर्जर कमरा में ही बच्चों का मध्यान्ह भोजन बनता है. बरसात के समय में छत से पानी टपकने के कारण स्टोर रूम रखा मध्यान्ह भोजन का चावल एवं बेंच डेस्क भी सड़ जाता है. कभी ऐसा हुआ है कि मध्याह्र भोजन बनाकर तैयार हुआ, उसके बाद मध्यान्ह भोजन में छठ टूट कर गिर गया. जिससे बना हुआ सारा भजन बर्बाद हो जाता है. जर्जर भवन मरम्मत के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.बोले ग्रामीण
कक्षा एक से लेकर 8वीं तक हर क्लास के बच्चे पढ़ने के लिए यहां आते हैं. हैरानी की बात यह है कि इतने क्लास के बच्चों की पढ़ाई केवल तीन कमरों में करायी जाती है. बाकी क्लास के बच्चे को बरामदा में दरी बिछाकर पढ़ाई कराया जाता है. सभी क्लास के बच्चों को सामूहिक रूप से पढ़ाई कराया जाता है.वहीं ग्रामीण दीपक कुमार ने बताया कि स्कूल की हालत यह है कि कमरों की छत का प्लास्टर, कड़ी, ईंट आदि टूट-टूट कर अक्सर गिरते रहते हैं. पिछले साल पढ़ाई के दौरान ही प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा एक बच्चे के सामने ही गिर गया. जिससे बाल वह बच गया. इससे बाकी बच्चों में दहशत बन गया है. जिससे ऐसे में किसी समय गंभीर हादसा होने की संभावना बनी रहती है.
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