Kumbh Sankranti 2025: कुंभ संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सूर्य और शनि देव से संबंधित है. इस दिन सूर्य देव शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करते हैं. यह दिन सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रतीक है, जब वह मकर राशि से कुंभ राशि में आते हैं. संक्रांति तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है. इस दिन स्नान, दान, जप और पूजा-पाठ करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है और सूर्य देव की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.
कुंभ संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कुंभ संक्रांति का पवित्र समय 12 फरवरी को प्रातः 07:45 बजे से आरंभ होकर दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा. इस अवधि में किए गए दान और पूजा का फल अत्यधिक लाभकारी होता है.
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कुंभ संक्रांति पर इन चीजों का नहीं करें दान
कुंभ संक्रांति के अवसर पर सूर्य शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करते हैं. इस दिन इन दोनों ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करना आवश्यक है. ऐसा करने से शनि के प्रभाव से छुटकारा मिलता है.
- कुंभ संक्रांति के अवसर पर कपड़ों का दान करना आवश्यक है, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि कपड़े कहीं से भी कटे या फटे न हों. दान में सदैव उपयोगी, नई या स्वच्छ वस्तुएं होनी चाहिए. खराब वस्त्रों का दान करने से शनि देव नाराज होते हैं.
- कुंभ संक्रांति के दिन तेल का दान करना शुभ नहीं माना जाता है. शनि के नकारात्मक प्रभाव के कारण व्यक्ति की प्रगति, वैवाहिक जीवन और नौकरी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
- कुंभ संक्रांति पर लोहे की वस्तुओं का दान करने से बचना चाहिए. शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है. इसके स्थान पर तांबे या पीतल की वस्तुओं का दान करना अधिक उचित है.