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हाथी पांव से बचने के लिए फाइलेरिया की सिंगल डोज दवा खाएं

फाइलेरिया और हाथी पांव जैसे बीमारी से बचाना है तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जा रही फाइलेरिया की सिंगल डोज दवा जरूर खाएं.

छपरा.

फाइलेरिया और हाथी पांव जैसे बीमारी से बचाना है तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जा रही फाइलेरिया की सिंगल डोज दवा जरूर खाएं. फाइलेरिया मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में जन समुदाय की भागीदारी जरूरी है. फाइलेरिया से बचाव के लिए सभी को दवा खाना है जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है. जिलाधिकारी अमन समीर ने सदर अस्पताल में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत खुद फाइलेरिया की दवा खायी और लोगों को भी इसका सेवन करने की अपील की. उसके बाद सभी उपस्थित पदाधिकारियों और कर्मियों को दवा खिलायी गयी. जिलाधिकारी ने बताया कि चार जागरूकता रथ के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में फाइलेरिया से बचाव तथा दवा सेवन के प्रति जागरूक किया जायेगा. डीएम अमन समीर ने कहा कि फाइलेरिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू किया गया है .घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलायी जायेंगी. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीएस डॉ आरएन तिवारी, डीपीएम अरविंद कुमार, डीवीबीडीसी सुधीर कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड हरिशंकर कुमार, प्रोग्राम लीड अरविंद पाठक, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन, वीडीसीओ मीनाक्षी कुमारी, वीडीसीओ सुमन कुमारी समेत अन्य उपस्थित थे.

37.92 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य :

सारण में 37 लाख 92 हजार 159 लोगों को दवा खिलायी जायेगी. अभियान के दौरान जिले में 5 लाख 88 हजार 834 घरों को लक्षित किया गया है. दवा खिलाने के 1884 टीम गठित किया गया है. 3357 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 179 सुपरवाइजर लगाये गये हैं. 17 दिनों तक अभियान चलेगा, शुरुआती तीन दिनों तक बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी. निजी और सरकारी विद्यालयों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहा, पंचायत भवन, सरकारी कार्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों में बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी. दवा सेवन को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराया जायेगा. इनके अलावा सभी उम्र के लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से दवाओं का सेवन कराया जायेगा. डॉ दिलीप ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें.

क्विक रिस्पांस टीम बनायी गयी :

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इस अभियान में जन-सहभागिता जरूरी है. फाइलेरिया यानी हाथीपांव एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो आपको जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है. हाथी पांव का इलाज संभव नहीं है. ऐसे में सभी से अपील है कि दवा स्वयं खाएं और अपने परिवार के सभी सदस्यों को खिलाएं. तभी फाइलेरिया मुक्त जिला का सपना साकार हो सकेगा. सर्वजन दवा सेवन अभियान की मॉनिटरिंग मोबाइल एप के माध्यम से की जायेगी. इसके साथ हीं प्रखंड स्तर पर क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, ताकि कहीं भी कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने आने पर तुरंत रिस्पांस किया जायेगा. इसके साथ हीं सुपरविजन के लिए अलग-अलग टीम गठित की गयी है. जो क्षेत्र में जाकर अभियान के दौरान अनुश्रवण करेगी.

इन्हें खिलायी जायेगी दवा :

अभियान के दौरान तीन तरह की दवा खिलायी जायेगी. जिसमें डीइसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली शामिल है. आइवरमेक्टिन दवा हाइट के अनुसार देना है. 90 से 119 सेमी लंबाई वाले को एक गोली, 120 से 140 सेमी लंबाई वाले को 2 गोली, 141 से 158 सेमी वाले को 3 गोली और 159 सेमी से ज्यादा चाहे जितना भी हो उसे 4 गोली देनी है. वहीं 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग को डीइसी की एक गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग को डीइसी की दो गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले 3 डीइसी और एक अल्बेंडाजोल की गोली देनी है.

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