गया. सुबह चार बजे से दिन के साढे आठ बजे तक केदारनाथ मार्केट के बाहर सड़क किनारे ही तराजू व सामान लेकर सब्जी के थोक विक्रेता बैठ जाते हैं. इस रोड से सुबह में 100 से अधिक स्कूल की गाड़ियां गुजरती है. जाम लगने पर भी ये लोग अपने सामान को किनारे नहीं करते हैं. कुछ दिन पहले ही बार-बार शिकायत मिलने पर जिला पुलिस की ओर से कार्रवाई की गयी थी. इसमें तीन-चार लोगों पर केस भी दर्ज किया गया था. कुछ दिनों तक अंदर में ही सब्जी थोक विक्रेताओं का सब काम होने लगा था. इसके बाद फिलहाल फिर से सब्जी की थोक मंडी सड़क किनारे ही लगायी जाने लगी है. इसमें एसएसपी कार्यालय गेट, डीएम कार्यालय गेट, ट्रेजरी ऑफिस गेट, रोड किनारे मंदिर के बगल में आदि जगह शामिल हैं. इधर, जीबी रोड में संतरा का थोक बाजार सड़क किनारे ही लगाया जाता है. नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले एक वर्ष से नगर निगम के इस सैरात का टेंडर नहीं हुआ है. निगम के कर्मचारी को ही यहां से ठेकेदारी वसूलने की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके बाद भी इनकी ओर से भी सड़क पर दुकानें लगवाने में परहेज नहीं किया जा रहा है.
नगर निगम के बोर्ड में आ चुकी है यह बात
बोर्ड में सड़क पर निगम की ओर से ठेकेदारी वसूली को लेकर हो रही पुलिसिया कार्रवाई के समाधान के लिए वसूली का दायरा बढ़ाने पर चर्चा की गयी. लेकिन, इस प्रस्ताव को 25-26 के सैरात टेंडर में लागू किया जायेगा. चर्चा के दौरान मेयर व अधिकारी ने कहा था कि निगम को यह ध्यान रखना है कि किसी सैरात के दायरा बढ़ाने से आवागमन में व्यवधान पैदा नहीं हो. इस प्रस्ताव को ही सही मानकर बिना लागू हुए ही ठेकेदार वसूलने लगे हैं. उपनगर आयुक्त को जिम्मेदारी गयी है कि सैरात के सीमांकन कर हर जगह बोर्ड लगा दें. इस पर अब तक कार्रवाई शुरू नहीं की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है