पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित ईख अनुसंधान संस्थान के सभागार में में बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत गन्ना उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर बिहार के 10 जिले के 50 किसानों के बीच सात दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ. समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि गन्ने की बेहतर खेती एवं उत्पादों का बेहतर बाजार के लिए डिजिटल मार्केटिंग ग्रुप विकसित करने की जरूरत है. सहकारिता को सफल बनाने के लिए ईमानदारी बहुत ही बड़ा हथियार होता है. सहकारिता तो गुड़ एवं मशरूम किसी भी अन्य क्षेत्रों के व्यवसाय में बन सकता है. खासकर गांव के लोगों को तकनीकी व्यवसाय को समझने पर स्वरोजगार सफलता का मुकाम हासिल कर लेते हैं. बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों का सकारात्मक सोच से गन्ना उत्पादक किसान व मिल मालिक अधिकाधिक लाभान्वित हो रहे हैं. बिहार में गन्ना उत्पादन व्यवसाय की अपार संभावनाएं हैं. वैज्ञानिक डा नवनीत कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रतिभागी अपने क्षेत्रों के किसानों के बीच तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे. जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान लाभान्वित होकर गन्ना उत्पादन की दिशा में सहभागिता दर्ज कर सकेंगे. स्वागत भाषण युवा वैज्ञानिक सह कोर्स कॉर्डिनेटर ईं अनुपम अमिताभ ने किया. संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डा सुनीता कुमारी मीना ने किया. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वैज्ञानिक डा एसके सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण का कोर्स बहुत ही तकनीकी रूप से सजाया गया था. मौके पर डा मो. मिनूतुल्लाह, डा अनिल कुमार, डा ललिता राणा, बिहार सरकार जिला गन्ना उद्योग विभाग से हरेराम प्रसाद आदि मौजूद थे.
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