रांची. झारखंड हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन पाठक ने कहा कि राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के द्वारा पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को झारखंड राज्य के रांची से प्रत्यक्ष परिचय करने तथा सकारात्मक मूल्यों को आत्मसात करने का अवसर मिला है, यह निश्चित ही उन्हें जीवन में आगे बेहतर करने की प्रेरणा देगा. न्यायमूर्ति राज्य छात्र जीवन दर्शन राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा- 2025 के निमित्त सोमवार को रांची वीमेंस कॉलेज आर्ट्स ब्लॉक स्थित मैत्रेयी सभागार में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोविंद नायक ने कहा कि एक वर्ष के अंतराल पर भारत के विभिन्न राज्य के युवाओं की पूर्वोत्तर यात्रा इसी प्रकार पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति तथा विरासत से सीधे जुड़ाव का अवसर देती है. पूर्वोत्तर के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के माध्यम से प्रतिदिन नये सकारात्मक अनुभव प्राप्त हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि यात्रा में भाग ले रहे प्रतिनिधियों का रात्रि विश्राम स्थानीय परिवारों के साथ हो रहा है. इस कारण अलग-अलग राज्यों के पारिवारिक मूल्यों के प्रति भी प्रतिनिधियों को जानने के अवसर मिल रहा है. कार्यक्रम में रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, सरला बिरला विवि के महानिदेशक डॉ गोपाल पाठक, स्वागत समिति के अध्यक्ष आतिश कुमार सिंह, विद्यार्थी परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ मौसमी पाल, प्रदेश सह मंत्री शशि बड़ाइक, पूर्वोत्तर की छात्र प्रतिनिधि तपाक ओकम एवं कृष्णा ने भी विचार रखे. इस अवसर पर झारखंडी कला-संस्कृति व परंपरा से पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों को परिचित कराया गया. पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. साथ ही आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया. पूर्वोत्तर के युवाअों ने प्रेस क्लब में अपनी यात्रा व उद्देश्य की जानकारी दी.
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