Bangladesh radicals insult Indian tricolor Video: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से कट्टरपंथी तत्वों के हौसले बुलंद हो गए हैं. आए दिन वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं, जो मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं. हाल ही में भारतीय तिरंगे के अपमान का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ लोग तिरंगे झंडे पर पैर रखकर उसका अपमान कर रहे हैं. एक युवक न केवल तिरंगे पर चप्पल उतारकर उसे पैरों से रौंदता है, बल्कि बाद में उस पर चप्पलें भी फेंकता दिख रहा है. इस शर्मनाक कृत्य में भारतीय तिरंगे के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रतीक ‘ओम’ वाले झंडे का भी अपमान किया गया है.
सोमवार, 10 फरवरी को एक्स (Twitter) पर सलाहुद्दीन शोएब चौधरी नाम के यूजर ने यह वीडियो साझा करते हुए लिखा कि “अलकायदा, आईएसआईएस और हमास के सदस्य बांग्लादेश में भारतीय और इजरायली झंडों के साथ सनातन ध्वज का खुलेआम अपमान कर रहे हैं.” वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह भारतीय तिरंगे, हिंदू धर्म के झंडे और इजरायल के झंडे को जमीन पर रखकर लोग उन पर कूद रहे हैं और अपमानजनक हरकतें कर रहे हैं. हालांकि उनकी मांगों को लेकर यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि वे किस वजह से ऐसा कर रहे हैं. लेकिन यह बेहद शर्मनाक करतूत भारत के सम्मान के पूरी तरह खिलाफ है.
यह घटना न सिर्फ भारत और इजरायल के सम्मान का सवाल खड़ा करती है, बल्कि धार्मिक असहिष्णुता और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता जताती है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले तेजी से बढ़ गए हैं. कट्टरपंथी तत्व बेखौफ होकर हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक संस्थानों को निशाना बना रहे हैं. इस बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और बांग्लादेश की स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं.
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन की वजह से 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ. इसके बाद आनन फानन में बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ भारत आईं और तब से वे भारत में रह रही हैं. अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश की एक अदालत ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट भी जारी कर दिया. हालांकि बांग्लादेश ने आधिकारिक रूप से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग नहीं की है.