रांची. एचइसी के नवीनीकरण के लिए भारी उद्योग मंत्रालय के पास कोई योजना नहीं है. उक्त जानकारी लिखित रूप से भारी उद्योग राज्यमंत्री ने सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा भारी उद्योग मंत्रालय से एचइसी को लेकर 11 फरवरी को पूछे गये सवाल के जवाब में दी है. सांसद ने पूछा कि क्या सरकार एचइसी के नवीनीकरण के लिए कोई योजना बनायी है या बनाने का प्रस्ताव है? जिस पर भारी उद्योग राज्यमंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि नहीं.
पप्पू यादव के दूसरे प्रश्न, क्या सरकार ने कर्मचारियों के लगभग तीन वर्षों से लंबित वेतन के भुगतान के लिए कोई ठोस कार्रवाई की है? पर जवाब दिया गया है कि एचइसी कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत है. इसलिए, यह एक अलग कानूनी इकाई है. कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए इसे स्वयं संसाधन जुटाने की आवश्यकता है.गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है एचइसी
लगातार घाटे के कारण एचइसी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. कर्मचारियों का वेतन भुगतान अनियमित हो गया है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर्मचारियों को साढ़े चार महीने का शुद्ध वेतन दिया गया है. वर्तमान में कर्मचारियों का 25 माह व अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों का 29 माह का वेतन बकाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है