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Prabhat Special: नशे की गिरफ्त में सुपौल के युवा, सूखा नशा के जाल में फंसते सपने, देखें चौकाने वाला खुलासा

Prabhat Special: सुपौल जिला के बच्चे और युवा नशे की गिरफ्त में हैं. आज प्रभात खबर खास में जानते हैं कैसे अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिला सुपौल में सुखा नशा ने किस तरह आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है.

Prabhat Special: शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के सपने देखने वाली युवा पीढ़ी जब नशे की गर्त में डूबने लगे, तो यह समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन जाता है. ऐसा ही देखने को मिल रहा अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिला सुपौल में. नशे की लत युवाओं के जीवन को धीरे-धीरे अंधकार में धकेल रही है. कलम पकड़कर भविष्य संवारने की उम्र में यहां के कई युवा अब चिलम और नशे की अन्य लतों की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. कई गांवों और कस्बों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है.

गली-चौराहों पर नशे में धुत मिलते हैं छात्र

पहले जहां युवा अपनी पढ़ाई और कैरियर को लेकर चिंतित रहते थे, अब उनमें से कई नशे की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं. धुएं में लिपटी यह नई पीढ़ी अपने ही भविष्य को जला रही है. स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, नशे की लत युवाओं के बीच तेजी से फैल रही है. इसका मुख्य कारण बेरोजगारी, गलत संगति, और आसानी से उपलब्ध होने वाले नशीले पदार्थ हैं. एक स्थानीय शिक्षक नाम नहीं बताने के शर्त पर कहते हैं, हमारे कई छात्र जो कभी कक्षा में अव्वल रहते थे, अब स्कूल छोड़ चुके हैं, वे गली-चौराहों पर नशे में धुत मिलते हैं. जो एक सभ्य समाज के लिए बहुत ही दुखद है.

परिवार के लोगों में बढ़ रही चिंता

नशे की लत केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि उनके परिवारों को भी तबाह कर रही है. कई माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन नशे के खिलाफ खुलकर बोलने से डरते हैं. एक मां की आंखों में आंसू छलक आते हैं जब वह कहती हैं, हमने अपने बेटे को अच्छे स्कूल में पढ़ाया, पर अब वह दिन-रात नशे में रहता है. न हमें पहचानता है, न खुद का ख्याल रखता है. वहीं एक और मां बताती है कि उनका बेटा पहले पढ़ाई में होशियार था, लेकिन अब उसका अधिकतर समय दोस्तों के साथ बीतता है. कहती हैं, पहले घर आता था तो किताब लेकर बैठता था, अब झगड़ालू हो गया है. पैसे मांगता है, नहीं देने पर गुस्सा करता है. हमें डर लगता है कि कहीं चोरी-चकारी में न पड़ जाए. युवाओं को नशे की गिरफ्त से निकालना अब सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है. अगर समय रहते इस समस्या पर लगाम नहीं लगाई गई, तो एक पूरी पीढ़ी अंधकार में खो सकती है. जरूरी है कि हम धुएं के इस कुहासे को हटाएं और अपने युवाओं को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएं.

गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, पुलिस को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि कोसी के कछार वाले इलाकों में नशे के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है. इसी के तहत बिहार नारकोटिक्स टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी की. इस दौरान भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग तीन करोड़ रुपये कीमत बताई जा रही है. सूत्र बताते हैं कि पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि नेपाल सीमा से सटे इस इलाके में तस्कर लंबे समय से सक्रिय हैं. नदियों और दुर्गम इलाकों का फायदा उठाकर वे अवैध रूप से नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे थे. अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.

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क्या बोले डॉक्टर

डॉ आरसी मंडल का कहना है कि सूखा नशा यानी दवा, सॉल्यूशन, व्हाइटनर, पेन किलर और दूसरी केमिकल चीजों को सूंघकर या खाकर नशा करना. इसकी लत इतनी खतरनाक होती है कि कुछ ही दिनों में युवाओं की सेहत खराब होने लगती है और मानसिक संतुलन तक बिगड़ सकती है.

सूखे नशे की तस्करी में अधिकांश युवा

पड़ोसी देश नेपाल से गांजा व ब्राउन शुगर की तस्करी में अधिकांश युवा वर्ग शामिल है. अधिक मुनाफा के लोभ में यह युवा वर्ग अपने सहपाठियों का भविष्य बर्बाद करने में लगे हुए है. पिछले दिनों ब्राउन शुगर तस्करी में पकड़े गये दो तस्करों की उम्र पर अगर नजर डाला जाये तो महज 25-30 वर्ष है.

कफ सिरप की लगी लत तो छोड़ना मुश्किल

लोगों की मानें तो जिसे इस दवा लत लग गयी है, वो इसके बिना नहीं रह सकता है. यह स्थिति शराबबंदी के बाद बनी है. जब लोगों को आसानी से शराब नहीं मिल पाता है, तब लोग इस तरह के नशे के आदि होने लगे हैं. चिंता का विषय है कि अधिकतर युवा ही इसकी चपेट में आ गये हैं. जानकारों का कहना है कि कोडिन युक्त इन सिरप का सेवन करने से लगभग दो सौ मिलीलीटर शराब के बराबर नशा होता है. खास बात यह भी है कि पीने वाले के मुंह से शराब जैसी दुर्गंध भी नहीं आती.

केस स्टडी 1– 01 जनवरी को करजाईन थाना क्षेत्र के दहगामा वार्ड नंबर 02 में पुलिस ने 29 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ एक तस्कर गिरफ्तार.
केस स्टडी 2- 02 जनवरी को एसएसबी जवानों ने बॉर्डर पीलर संख्या 201/04 के समीप पेट्रोलिंग डयूटी के दौरान 72 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया.
केस स्टडी 3- 04 जनवरी को एसएसबी जवानों ने पीलर संख्या 221/01 के समीप 672.250 ग्राम गांजा जब्त किया.
केस स्टडी 4– 13 जनवरी को एसएसबी जवानों ने बॉर्डर पीलर संख्या 215/22 के समीप कोसी नदी में 138 किलो गांजा किया बरामद, तस्कर नदी में छलांग लगा भाग निकला.
केस स्टडी 5- 11 फरवरी की देर रात भपटियाही थाना क्षेत्र में बिहार नारकोटिक्स टीम ने की छापामारी 19 क्विंटल 45 किलो 700 ग्राम गांजा बरामद, अंतर जिला गिरोह के पांच तस्कर गिरफ्तार.

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