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अपर मुख्य सचिव की नही चलेगी मनमानी : महासंघ गोप गुट

बिहार राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा प्रत्येक प्रखंड व जिला स्तर पर बीपीएमयू ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट व डीपीएमयू डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन किया गया था.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आउटसोर्सिंग कर्मियों के सेवा से हटाये जाने के फैसले के खिलाफ गोप गुट ने भरी हुंकार गिद्धौर. बिहार राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा प्रत्येक प्रखंड व जिला स्तर पर बीपीएमयू ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट व डीपीएमयू डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन किया गया था. इस गठन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर लागू करना था. वहीं इसे लेकर वर्ष 2023 में सचिवालय में विभाग के उच्च पदाधिकारियों द्वारा न्यूनतम शिक्षा योग्यता एमबीए व बीटेक डिग्री धारक व 05 से 10 वर्ष का कार्य अनुभव रखने वाले योग्य उम्मीदवारों की पारदर्शिता के साथ शिक्षा विभाग में बेहतर शैक्षणिक माहौल को बनाये रखने के लिए विद्यालय निगरानी हेतु चयन किया गया था. जिससे शिक्षा विभाग के कार्यों में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिला. वहीं शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव को लेकर बीपीएमयू और डीपीएमयू गठन से बिहार प्रदेश शिक्षा प्रणाली में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए. जिनमें ई शिक्षा कोष का प्रभावी क्रियान्वयन, आधार कार्ड व अपार आईडी का सुचारू संचालन एफ एल एन टी एल एम, पीबीएल जैसी शिक्षा योजनाओं को गति मिली. वहीं विद्यालय अनुश्रवण प्रणाली भी मजबूत हुआ. इन आउटसोर्स कर्मियों की बदौलत ही शिक्षा विभाग में शिक्षा से जुड़ी कई योजनाएं तीव्र गति से क्रियान्वित हुईं और बिहार में शिक्षा सुधार को एक नई दिशा मिली, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा 31 मार्च 2025 के बाद इन आउट सोर्सिंग कर्मियों में सेवा समाप्ति का फरमान अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आउटसोर्स कर्मियों के सेवा को समाप्त करने की घोषणा से आउटसोर्स कर्मियों को मानसिक स्तर पर कमजोर कर दिया. बताते चलें कि बीएमडीसी ऑपरेटर सभी प्रखंड में बहाल हैं, जिनकी अवधि नवंबर 2024 में समाप्त हो चुकी है, व प्रखंडाधीन एमडीएम ऑपरेटर, बीआरपी इन सभी आउटसोर्स कर्मियों को 31 मार्च 2025 तक सेवा समाप्ति के लिए कहा गया है. यह सभी बीपीएमयू कर्मी में शामिल है. बीपीएमयू व डीपीएमयू कर्मी दिन रात मेहनत कर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगे हैं, बिना किसी वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार के बावजूद इन आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान में अनियमितता व इनके भविष्य असुरक्षित व अंधकार में रहने कि स्थिति में भी इन कर्मियों ने पूरी ईमानदारी और मेहनत से कार्य किया है, सरकार आउटसोर्सिंग कर्मियों के सरकार द्वारा हटाये जाने के फरमान पर महा संघ गोप गुट ने इनके समर्थन में सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा. आउट कर्मियों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा. सरकार के आउटसोर्सिंग से बहाल हुए कर्मियों के हटाने से जुड़े नीतियों के विरुद्ध महा संघ गोप गुट के जिलाध्यक्ष डीसी रजक ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि अपर मुख्य सचिव ने अपना तानाशाही निर्णय वापस नहीं लिया, तो इस संदर्भ में आउटसोर्सिंग कर्मियों के हक अधिकार के लिए राज्यव्यापी आंदोलन करेगा.

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