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झारखंड के पुलिस अफसर बनेंगे कर्मयोगी, केंद्रीय गृह मंत्रालय का क्या है प्लान?

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पुलिस अफसरों को कर्मयोगी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने की पहल शुरू कर दी है. पत्राचार कर इसके लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया गया है.

रांची, अमन तिवारी-झारखंड के पुलिस अफसर अब कर्मयोगी बनेंगे. इसके लिए पुलिस अफसर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार आई गोट कर्मयोगी पोर्टल के जरिये ऑनलाइन छह पाठ्यक्रम पूरा करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.

प्रशिक्षण के लिए होगा निबंधन


कर्मयोगी पोर्टल पर सभी अनुसंधान पदाधिकारियों का निबंधन भी कराया जायेगा, ताकि उन्हें प्रशिक्षण दिया जा सके. पुलिस अफसरों के प्रशिक्षण के लिए नये आपराधिक कानून के तहत तो छह पाठ्यक्रम निर्धारित किये गये हैं, उसमें सबसे पहला है- सरकारी कर्मियों के लिए आचार संहिता अर्थात कोड ऑफ कंडक्ट. दूसरा है कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षा, तीसरा है नयी तकनीक से पुलिस अफसरों को अवगत कराना, चौथा है पुलिस अफसर किस तरह से साइबर स्पेस की दुनिया में खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. पांचवां है कि लाइफ के मिशन के बारे बताना और छठा कार्य स्थल पर काम के दौरान योग के लिए ब्रेक.

पुलिस अफसरों को प्रेरित करने का निर्देश


पुलिस अफसरों के प्रशिक्षण के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर एडीजी प्रशिक्षण की ओर से सभी जिलों के एसपी को पत्राचार किया गया है. जिसमें रांची, जमशेदपुर और धनबाद के एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि आप एक माह के भीतर अभियान चलाकर पुलिस अफसरों को इसे पूरा करने के लिए प्रेरित करें. प्रत्येक सप्ताह कितने पुलिस अफसरों ने पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए रजिस्ट्रेशन किया और कितने ने इसे पूरा किया. इस बात की समीक्षा खुद सभी जिलों के एसपी करेंगे. एडीजी ट्रेनिंग की ओर से इसे सफल बनाने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जायेगी.

क्या है आई गोट कर्मयोगी पोर्टल और इसका उद्देश्य?


यह एक ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच है. इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों के कौशल को बढ़ाना है. इसके जरिये वैश्विक संस्थानों के पाठ्यक्रम के माध्यम से निरंतर सीखने का अवसर प्रदान करना है. यह विभिन्न सरकारी स्तरों पर पेशेवर विकास और योग्यता विकास की संस्कृति को बढ़वा देता है. इससे अंतत: शासन और दक्षता में सुधार होता है.

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