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आउटसोर्सिंग से बहाल 149 कर्मियों से नहीं लिया जायेगा काम

शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग से बहाल 149 कर्मियों की सेवा की 31 मार्च को समाप्त हो जायेगी. इनकी सेवा समाप्त करने का निर्देश विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने वीसी के दौरान डीइओ को दिया है. इन्हें पिछले साल विभिन्न तिथियों में एजेंसी के माध्यम से शिक्षा विभाग में विभिन्न कार्यों के लिए रखा गया था. एक अप्रैल से विभाग इनसे काम नहीं लेगा.

संवाददाता, सीवान. शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग से बहाल 149 कर्मियों की सेवा की 31 मार्च को समाप्त हो जायेगी. इनकी सेवा समाप्त करने का निर्देश विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने वीसी के दौरान डीइओ को दिया है. इन्हें पिछले साल विभिन्न तिथियों में एजेंसी के माध्यम से शिक्षा विभाग में विभिन्न कार्यों के लिए रखा गया था. एक अप्रैल से विभाग इनसे काम नहीं लेगा. डीपीएम आइसीटी, डीपीएम, प्रोग्रामर, एकाउंट सहायक, एमटीएस जैसे कई पदों पर बहाल हुए कर्मी से पहली अप्रैल से कार्य नहीं लिया जायेगा. जिले में 20 बीपीएम, 38 बीआरपी, 02 डीपीएम, 01 प्रोग्रामर, 10 टीएमटी सहित 149 कर्मी आउटसोर्सिंग से बहाल हैं. डीइओ राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत वैसे कर्मी जिनकी सेवा की अवधि निर्धारित नहीं है, उसके संबंध में अधिकतम 31 मार्च 2025 तक सेवा प्राप्त किया जायेगा. इससे कर्मियों में मायूसी देखी जा रही है. आक्रोश में आउटसोर्सिग से बहाल कर्मी शिक्षा विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा समाप्त करने के निर्णय के यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे लोग अब क्या करेंगे. बेरोजगार होने से कर्मियों में आक्रोश देखा जा रहा है. इन लोगों की सेवा निर्धारित समय से पूर्व ही समाप्त हो रही है. इन लोगों का कहना है कि वर्ष 2026 तक हमलोगों को कार्य करना था. लेकिन विभाग ने पहले ही हटाने का निर्णय ले लिया है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कर्मियों बताया कि इस नौकरी के लिए उन्होंने काफी परेशानी भी झेली है. आउटसोर्स के तहत कार्यरत कर्मियों ने बताया कि हमलोग दिन-रात मेहनत कर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगे है. फिर भी कोई वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार नहीं है. वेतन भुगतान में भी अनियमितता है. यदि विभाग ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. कर्मियों के हटने से बढ़ेगा काम का बोझ जिले के शिक्षा विभाग से आउटसोर्सिंग कर्मियों के हटाए जाने से काम का बोझ बढ़ सकता है. साथ ही गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शिक्षा विभाग के कई महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा किया जा रहा है. जिनके अभाव में विभाग के कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी. विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में डीपीएम,डीपीएम आइसीटी, प्रोग्रामर, प्रोग्रामर एसीपी, अकाउंट एक्सपर्ट, बीपीएम बीआरपी, एमटीएस एवं डाटा इंट्री ऑपरेटर सहित 149 व्यक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे है. बोले अधिकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग से रखे गए कर्मियों से 31 मार्च तक ही काम लेने का आदेश दिया है. अपर मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में पहली अप्रैल से इनसे काम नहीं लिया जाना है. इससे कुछ परेशानी होगी. जिसे दुरुस्त करने का प्रयास किया जायेगा. राघवेंद्र प्रताप सिंह, डीइओ, सीवान

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