खगड़िया. शहर के बबुआगंज विद्याधार में आर्य समाज व योगाश्रम बाल संस्कारशाला के तत्वावधान में बुधवार को महर्षि दयानंद सरस्वती की 201वीं जयंती मनायी गयी. इस दौरान हवन व वैदिक यज्ञ किया गया. हवन कार्यक्रम ब्रह्मा डॉ ऋचा योगमयी, यजमान धर्मेंद्र शास्त्री व वंदना शास्त्री ने भाग लिया. आर्य समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ ऋचा योगमयी ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती एक महान समाज सुधारक थे. उन्होंने छुआछूत, धर्म कार्यों में आडंबर अंधविश्वास, पाखंड, स्त्रियों की शिक्षा आदि अनेक कुरीतियों के लिए संघर्ष किया. आज उन्हीं की देन है कि महिलाएं भी वेद पाठ वर्तमान समय में कर पा रही हैं. विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती ने संघर्ष किया था. उनके विचारों से उत्प्रोत होकर ही देश की आजादी में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन लाहिरी ,स्वामी श्रद्धानंद, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, श्यामजी कृष्ण वर्मा आदि क्रांतिकारियों ने अपने जीवन की आहुति देकर देश को आजाद करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि हमें भी आर्य समाज एवं महर्षि दयानंद सरस्वती के विचार व सिद्धांतो को आत्मसात करने की आवश्यकता है. कार्यक्रम को पतंजलि योगपीठ के उमाशंकर प्रसाद, आर्य समाज के मंत्री अरुण स्वर्णकार आदि ने ऋषि के प्रति अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया.आर्य समाज की उपप्रधान गीता देवी आर्या ने भजन गाकर सबको सम्मोहित किया. जयंती कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन आजाद, अधिवक्ता ओम प्रकाश अग्रवाल, आर्य समाज की प्रधान निर्मल ज्ञानमयी, सदस्य अंजनी कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता उदय शंकर बिहारी, विजय पोद्दार, अशोक देव, रंजन गुप्ता, नरेंद्र ब्रह्मचारी शिक्षक रोहित कुमार आदि उपस्थित थे.
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