मधुबनी.
मौसम में हो रहे बदलाव से मौसमी बीमारी घर घर पांव पसारने लगी है. दिन में धूप से गर्मी तो रात में ठंड से बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित मरीजों की अस्पतालों में संख्या बढ़ी है. ऐसे में जरा सी लापरवाही लोगों के जान पर आफत बन सकती है. इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को है. पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जिले में मौसम बदल रहा है. दिन में निकल रही धूप से बदन पर गर्म कपड़े रखना मुश्किल हो रहा है. वहीं शाम को स्थिति यह रहती है कि गर्म कपड़े नहीं पहनने पर पछिया हवा के कारण ठंड बढ़ने लगता है. दिन रात के तापमान में उताड़-चढ़ाव के कारण लोगों में खांसी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द, गले में खराश, खुजली, बीपी एवं डायबिटीज एवं टीबी पीड़ित मरीज इलाज कराने सदर अस्पताल के ओपीडी में आ रहे हैं. उसके अलावे जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ दिख रही है. सदर अस्पताल में सुबह से ही सामान्य बीमारियों के ओपीडी व दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी कतार दिखी.ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की भीड़
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि जिले में मौसन में आए बदलाव से सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है. जिले में ठंड कम होने एवं बढ़ रही गर्मी के कारण सिजनल बीमारियों का इलाज के लिए मरीज सदर अस्पताल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मेल मेडिकल एवं आर्थोपेडिक ओपीडी में दो-दो चिकित्सकों को तैनात किया गया है. ताकि मरीजों की जांच बेहतर ढंग से की जा सके. दिन व रात के तापमान में उतार-चढ़ाव से लोग मौसम जनित बीमारी के भी शिकार हो रहे हैं.बुधवार को 456 मरीजों का किया रजिस्ट्रेशन
सदर अस्पताल में मंगलवार को 560 मरीजों एवं बुधवार को 456 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. मेल ओपीडी में डा. मेराज अकरम व डाॅ. जाकिर हुसैन ने 140 मरीजों का इलाज किया. डा. मेराज अकरम ने कहा कि बदलते मौसम में हर व्यक्ति को सतर्क रहने की जरूरत है. विशेषकर बच्चों एवं बुजुर्गों को विशेष सतर्कता आवश्यक है. डाॅ. अकरम ने कहा कि इस समय अधिक सर्दी, खांसी बुखार, बीपी डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. आर्थोपेडिक्स ओपीडी में डाॅ. फैजुल हसन ने 90, गायनिक ओपीडी में डाॅ. विद्या पाल ने 105, चाइल्ड ओपीडी में डाॅ. विवेकानंद पाल ने 35, आई ओपीडी में डाॅ. आशिक रेजा ने 45 मरीजों का इलाज किया. डाॅ. फैजुल हसन ने कहा कि इस समय कमर दर्द, घुटनों एवं कुल्हे के दर्द से पीड़ित मरीज इलाज के लिए आ रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने बताया कि जिले में ठंड में नर्मी एवं गर्मी के एहसास दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे मौसम में दोपहर में गर्मी एवं रात में ठंड का एहसास होता है. इस बदलते मौसम में गर्भवती महिला, बुजुर्ग एवं बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. बच्चों की रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित नहीं होने कारण वे अधिक तेजी से बीमार भी पड़ते हैं और अक्सर सर्दी जुकाम तथा बुखार से पीड़ित हो जाते हैं. बीमारी से बचाव के लिए नियमित स्तनपान एवं साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया मौसम के सर्द गर्म होने का असर गर्भवती महिलाओं पर तेजी से पड़ता है. इस मौसम में गर्भवती महिलाओं को कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से सलाह लेकर दवा का सेवन करानी चाहिए. सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जाकिर हुसैन ने कहा कि दिन में धूप और रात में सर्दी से मौसम में बदलाव आया है. दिन एवं रात के तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द और गले में खराश आदि बीमारियों का मरीज बढ़ गया है. ऐसे मौसम में बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है