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Buxar News: सदर अस्पताल में आइसीयू संचालन का कार्य केवल कागजों पर ही सिमटा

Buxar News: जिले के सदर अस्पताल में शुक्रवार से आईसीयू की शुरू करने की योजना ही पहले ही दिन हवा निकल गयी

बक्सर .

जिले के सदर अस्पताल में शुक्रवार से आईसीयू की शुरू करने की योजना ही पहले ही दिन हवा निकल गयी. आइसीयू विभाग का संचालन केवल कागजों में ही पूर्व की तरह सिमट गया है. एक डॉक्टर की तैनाती का पत्र एवं आईसीयू की शुभारंभ का पत्र हवा हवाई साबित हुआ.

पहले दिन न तो कोई डॉक्टर पहुंचे और न ही कोई कर्मी का पता चला. बल्कि पूर्व की भांति आईसीयू बंद मिला. शुभारंभ के नाम पर केवल वार्ड की सफाई तक ही सीमित रहा. वार्ड की स्थिति देखने से पूरी तरह से आनन-फानन में लिया गया निर्णय दिख रहा है. ज्ञात हो कि जिले में पिछले दो साल से बनकर आईसीयू के अबतक शुरू नहीं होने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता हरे कृष्ण सिंह उर्फ कृष्णा यादव ने सीएम नीतीश के 15 फरवरी को आगमन से पूर्व आईसीयू को शुरू करने का अल्टीमेटम प्रशासनिक अधिकारियों को दिया था. शुरू नहीं होने पर नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाने को लेकर पत्र भी दिया गया था. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली गई तो दरवाजा कर्मियों द्धारा खोला गया. जिसमें आईसीयू मरीजों के लिए उपयोग में आने वाले उपकरण अस्त व्यस्त दिखे. विभागीय अधिकारियों कीे माने तो इसे चालू करना फिलहाल काफी कठिन है. फिलहाल आईसीयू के उपयोग में आने वाले उपकरण वार्ड में अव्यवस्थित स्थिति में पड़े है.

सदर अस्पताल में शुरू नहीं हुआ आइसीयू

सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल में शुक्रवार से आइसीयू की शुरूआत करने का पत्र जारी कर दिया है. जिनके पत्र पर कोई कारवाई पहले दिन सदर अस्पताल प्रबंधन ने नहीं की है. अस्पताल प्रबंधन ने शुभारंभ के नाम पर केवल काेरम पूरा करते हुए साफ-सफाई किया है. जबकि अस्पताल के आईसीयू वार्ड में रखे गये उपकरण अस्त-व्यस्त व अव्यवस्थित दिखा. सदर अस्पताल में सरकार के मिशन 60 के तहत 10 बेड का आईसीयू का निर्माण कराया गया है. जिसपर काफी खर्च किये गये है. लेकिन वार्ड के शुरू नही होने से कोई लाभ जिले के मरीजों को नहीं मिल रहा है. आईसीयू वार्ड में बनाये गये धज्जा भी टूटकर लटक गये है. इसके साथ ही विद्युत एवं बेसिन का कार्य भी अधूरा दिख रहा है. वहीं उपकरण इतने अस्त व्यवस्थ है कि अगले कुछ दिनों में भी वार्ड को शुरू कर पाना मुश्किल है.

सीएम के काेपभाजन से बचने को लिया गया है निर्णय

जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त कराने के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका निभाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हरे कृष्ण सिंह उर्फ कृष्णा यादव ने आईसीयू की शुरूआत के लिए नीतीश का विरोध जताने का निर्णय लिया था. उन्होंने डीएम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र दिया था, जिसमें कहा था कि जिले में सीएम के प्रगति यात्रा के पूर्व यदि सदर अस्पताल का आईसीयू मरीजों के लिए शुरू नहीं होता है तो उनके नेतृत्व में युवा सीएम को काला झंडा दिखायेंगे. काला झंडा दिखाकर नीतीश के प्रगति यात्रा का विरोध जतायेंगे. जिसके बाद अनान फानन में नीतीश कुमार के कोप का भाजन बनने से बचने के लिए विभागीय स्तर पर शुक्रवार से शुरू करने का पत्र एक एनेस्थेटिक के सहारे जारी कर दिया. लेकिन आईसीयू पूर्व के भांति पहले दिन शुक्रवार को बंद ही पड़ा रहा.

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