Bihar: केंद्र और राज्य सरकारें ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही है. बिहार तो देश के कुछ उन गिने- चुने राज्यों में से एक हैं,जो ग्रीन बजट बना कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है. बिहार में भी ग्रीन फ्यूल को लेकर काफी काम हो रहा है.राज्य में स्वच्छ ईंधन योजना पहले से लागू की गयी है. इस योजना के तहत डीजल और पेट्रोल चालित तिपहिया वाहन को सीएनजी में बदलने के लिए सब्सिडी का प्रावधान है. बैटरी चालित वाहन को बढ़ावा दिया जा रहा है. अगले साल के ग्रीन बजट में डीजल बसों को सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी सब्सिडी देने का प्रावधान हो सकता है.
12 साल से अधिक पुराने वाहन पर ग्रीन कर प्रावधान
राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी सतर्क है.पर्यावरण को स्वच्छ बनाने और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रीन टैक्स का प्रावधान कर रही है. ग्रीन बजट में बिहार मोटरयान करारोपण अधिनियम 1994 की धारा 5 की उपधारा -6 के तहत 12 साल से अधिक पुराने वाहन पर ग्रीन कर का प्रावधान किया गया है. इसके निबंधन में कुल कर का 10 फीसदी ग्रीन टैक्स के रूप में वसूला जायेगा. वहीं, बिहार के बड़े शहरों में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को बंद करने की योजना बन सकती है.अभी यह नियम पटना नगर निगम,दानापुर,खगौल और फुलवारी नगर परिषद क्षेत्र में लागू है.
बढ़ेगी राज्य में सीएनजी केंद्रों की संख्या
प्रदूषण कम करने के लिए राज्य में डीजल बसों को सीएनजी में संपरिवर्तन करने की योजना चल रही है. इसके लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है. सीएनजी बसों के लिए सीएनजी फ्यूलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. पटना, मुजफ्फरपुर,बेगूसराय, भागलपुर और गया जैसे शहरों में सीएनजी स्टेशन की संख्या अगले वर्ष में बढ़ायी जायेगी. हाल ही में इंडियान ऑयल के द्वारा बिहार में गैस स्टेशनों को बढ़ाने की भी घोषणा की गयी थी.